उत्तरी कोयल परियोजना पर मोदी कैबिनेट की मुहर,झारखंड के पलामू और गढ़वा होगें लाभान्वित

0
pib
कैबिनेट की बैठक के दौरान केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, अरुण जेटली व रविशंकर प्रसाद 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने झारखंड और बिहार में उत्‍तरी कोयल जलाशय परियोजना के बाकी बचे काम को पूरा करने की मंजूरी दे दी है।

इसपर मुख्यमंत्री रघुवर दास नें प्रधानमंत्री को ट्वीट कर शुक्रिया अदा किया और केंद्र और बिहार सरकार से परस्पर समन्वय बनाकर इसे 30 महीने के तय वक़्त में पूरा भरोसा दिलाया।

मंत्रिमंडल ने बांध के जल स्‍तर को पहले के मुकाबले सीमित करने का भी फैसला किया है ताकि बांध के डूब क्षेत्र में कम इलाके आयें और बेतला राष्‍ट्रीय उद्यान और पलामू टाइगर रिजर्व को बचाया जा सके।

ये परियोजना सोन की सहायक उत्‍तरी कोयल नदी पर स्थित है जो बाद में गंगा में जाकर मिल जाती है।उत्‍तरी कोयल जलाशय झारखंड के पलामू और गढ़वा जिलें में स्थित है। आपको बता दें कि इस परियोजना की शुरुआत 1972 में शुरु हुआ था और वर्ष 1993 में बिहार सरकार के वन विभाग ने इसे रुकवा दिया था, तब से बांध का निर्माण ठप्‍प पड़ा हुआ था।

परियोजना के प्रमुख घटकों में 67.86 मीटर ऊंचे और 343.33 मीटर लम्‍बे कंक्रीट बांध का निर्माण शामिल हैं जिसकी जल संग्रह करने की क्षमता 1160 मिलियन क्‍यूबिक मीटर (MCM) निर्धारित की गयी थी।

ये भी पढ़ें स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास का पूरा संबोधन

इसके पूरा हो जाने पर झारखंड के पलामू और गढ़वा जिले के साथ-साथ बिहार के औरंगाबाद और गया के सबसे पिछड़े और सूखे की आशंका वाले इलाकों में 111,521 हैक्‍टेयर जमीन की सिंचाई की की जा सकेगी।

Cabinet-approved-the-proposal-to-complete-the-remaining-works-of-Northern-Kollak-reservoir-project
पलामू की कोयल नदी PHOTO- Google

फिलहाल इस अधूरी परियोजना से 71,720 हैक्‍टेयर जमीन की ही सिंचाई हो पा रही है. इसके पुरा हो जाने पर इससे 39,801 हैक्‍टेयर अतिरिक्‍त भूमि की सिंचाई संभव  हो पायेगी।

इसके जरिए दोनों राज्‍यों में 1,11,521 हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई  संभव हो सकेगी  जिसमें झारखंड के कुल 19,604 हेक्टेयर जमीन पर सिचाईं की जा सकेगी जबकि बिहार के 91,917 हेक्टेयर सींचिंत होंगे। 

इस परियोजना की कुल लागत  2391.36 करोड़ रुपये आंकी गई है। जबकि अभी तक 769.09 करोड़ रुपये की राशि ही इस पर खर्च की गई है। शेष बचे कार्यों के 1013.11 करोड़ रुपये का वित्त पोषण केन्द्र सरकार के प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) कोष से अनुदान के रूप में दिया जाएगा।

ये भी पढ़ें- झारखंड में दिखाई जायेंगी युरोपीय देशों की फिल्में

आपको बता दें कि परियोजना के क्रियान्वयन पर नीति आयोग के सीईओ की अध्यक्षता वाली भारत सरकार की उच्चाधिकार प्राप्त समिति नज़र रखेगी।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *