झामुमो के हंगामे और नारेबाजी के बीच जीएसटी-बिल झारखंड में भी पारित

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रांची: विधानसभा में आज आदिवासी भूमि से जुड़े CNT-SPT एक्ट में किये गये संशोधनों के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सदन में हंगामे और नारेबाजी की लेकिन इसी बीच ‘वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017’ ध्वनिमत से पारित हो गया।

झारखंड विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र के प्रारंभ होते ही प्रभारी मंत्री सीपी सिंह ने वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 के बारे में सदन को जानकारी दी और बताया कि जीएसटी देश के आर्थिक विकास के लिए एक क्रांतिकारी कदम होगा।

उन्होंने कहा कि देश में केन्द्र और राज्य सरकारें कुल मिलाकर दर्जन भर से अधिक तरह के कर वस्तुओं और सेवाओं पर अब तक लगाती हैं जिन्हें समेट कर एक तरह का कराधन करने की व्यवस्था जीएसटी के तहत की जा रही है।

इस बीच नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने हस्तक्षेप करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से सीएनटी एवं एसपीटी अधिनियमों में किये गये पिछले संशोधनों को वापस लेने की मांग की। उन्होनें कहा कि जब राज्य के आदिवासियों की जमीन ही उनके पास नहीं होगी तो फिर जीएसटी जैसे कानूनों का क्या लाभ होगा।

जीएसटी पर बोलते हुये हेमंत ने कहा कि उनकी पार्टी जीएसटी के खिलाफ नहीं है लेकिन सीएनटी एवं एसपीटी में किये गये संशोधन वापस होने चाहिए। बाद में झामुमो विधायक विधानसभाध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गये और सीएनटी एवं एसपीटी संशोधनों को वापस लिये जाने के समर्थन में नारे लगाने शुरु कर दिया ।

हलांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के हंगामे और नारेबाजी के बीच वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 ध्वनिमत से पारित हो गया।

झारखंड विधानसभा का यह एक दिवसीय विशेष सत्र जीएसटी पर विचार के लिए ही बुलाया गया था क्योंकि संसद में हाल में जीएसटी के पारित होने के बाद पहली जुलाई से देश में जीएसटी लागू होने के लिए देश की आधी से अधिक विधानसभाओं द्वारा इसकी मंजूरी आवश्यक है।

 

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