झारखंड की पहचान जल, जंगल और जमीन से है जिसे हमें आनेवाली पीढ़ी के लिए बचाना होगा- रधुवर दास

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मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में सिंचाई व पेयजल लक्ष्य को हासिल करने पर ज़ोर दिया है।

उन्होने कहा है कि झारखंड की पहचान जल, जंगल, जमीन और जलवायु से है जिसे हमें आनेवाली पीढ़ी के लिए बचाना होगा। उन्होंने अगले दो साल में राज्य के हर क्षेत्र में सिंचाई व पेयजल के लिए पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा।

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प्रोजेक्ट भवन में सिंचाई व पेयजल विभाग के कार्यों की समीक्षा करते मुख्यमंत्री रघुवर दास, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, मंत्री सीपी चौधरी व अन्य

जल संसाधन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुये उन्होंने अधिकारियों को निर्देष दिया कि जहां नहर से पानी नहीं पहुंचाया जा सकता है, वहां पाइपलाइन के माध्यम से पानी पहुंचाने कि व्यवस्था की जाये। पाइपलाइन बिछाने, बैराज बनाने तथा जल वितरण का नेटवर्क बनाने का काम एक साथ काम चलता रहे, ताकि निश्चित समय में लक्ष्य को पूरा किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि लोगों को इन योजनाओं से जोड़ें। जहां नहर या पाइपलाइन के लिए जमीन की जरूरत हो, वहां सीधे लोगों से बात करें। उनकी समस्या सुनें और बिना देर किये उसका निपटारा करें। बिचौलियों को दूर रखें। इससे काम में तेजी आयेगी और लोगों का विरोध भी नहीं होगा।

इस मौके पर उन्होनें स्वर्णरेखा मल्टीपरपस प्रोजेक्ट की समीक्षा की।

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इस मौके पर उन्होनें निर्देश दिया कि पूर्व में बनायी गयी वैसी योजना जो उपयोगी नही है, उन्हें स्थगित की जाय, बड़े उद्योगों पर बकाया वाटर टैरिफ संबंधित मामले का निष्पादित किया जाये साथ ही जिन कम्पनियों ने उद्योग लगाने का काम शुरु नही किया है, उन्हें एक माह का नोटिस देकर पानी का आवंटन रद्द करें। जो कम्पनी उद्योग प्रारंभ करना चाह रही है, उन्हें शीघ्र पानी आवंटित करें।

बैठक में जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव अमित खरे, उद्योग सचिव सुनील कुमार बर्णवाल समेत कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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