झारखंड में भूख से एक और मौत, 1 साल से नहीं मिल रहा था राशन

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सिमडेगा में 11 वर्षीय बच्ची की ‘भूख’ से मौत का मामला अभी शांत भी हुआ था कि अब धनबाद के झरिया में कथित तौर पर ‘भूख’ से एक रिक्शाचालक की मौत का मामला सामने आया है।

जानकारी के मुताबिक़ मृतक को पिछले 1 साल से सरकारी राशन नहीं मिल रहा था। रिक्शाचालक पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा था और घर में अन्न की कमी चल रही थी।

40 वर्षीय बैधनाथ रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पोषण करता था। वो पिछले तीन सालों से राशन कार्ड बनाने के लिए सरकारी दफ़्तरों व पार्षद के पास दौड़ रहा था। अन्त में थक हार कर उसने ऑनलाईन अप्लाई किया। लेकिन तब तक मौत ने जिन्दगी को निगल लिया। अब परिवार के सामने विकट स्थिति उत्पन हो गयी हैं।

“हमे एक दुसरे के पास दौडाया जाता रहा, यदि हमें गरीबों को मिलने वाला लाभ हमें मिलता तो शायद हमारे पिता की मौत नही होती “- मृतक का पुत्र,(रवि कुमार दास)।

पुत्र रवि कुमार दास ने बताया कि पूर्व में उनके बडे पापा जागो दास का बीपीएल सूची में नाम था, लेकिन संयुक्त परिवार होने के कारण सभी को सरकारी लाभ नहीं मिल पाता था। उनकी चार वर्ष पूर्व मौत हो जाने के बाद सूची से नाम हटा दिया गया था। जिसे लेकर लागातार झरिया व धनबाद के परिवारवाले सरकारी कार्यालय का चक्कर लगाते रहे, लेकिन न तो बीपीएल सूची मे नाम ही चढा और न ही आज तक राशन कार्ड बन सका। उसने बताया कि परिवार में वही एक कमाने वाले थे, जिनके बल पर सात परिवार का भरण-पोषण होता था।

“घर में खाने के लिए दो जुन की रोटी का जुगाड़ नही हैं, पति रिक्शा चलाकर राशन का जुगाड़ करते थे। इधर बीस दिनों से उनका तबियत खराब चल रही था. लेकिन इलाज के लिए पैसा नहीं रहने के कारण हम समुचित इलाज नहीं करा सके उनके काम पर नहीं जाने से घर में खानें का भी संकट खड़ा हो गया था”- मृतक की पत्नी,(पार्वती देवी)।

धनबाद से सिथुन कुमार की रिपोर्ट।

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