देवघर की गोरियाँ बनेंगी ब्यूटी क्वीन! कौशल विकास के ज़रिये दी जा रही ब्युटिशियन की ट्रेनिंग

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संथाल-परगना जैसे पिछड़े और आदिवासी बहुल क्षेत्र में जहाँ लोग सुंदरता पर ज्यादा ध्यान नही दे पाते, वाहां की गांव की गोरियाँ अब ब्यूटी क्वीन बनने जा रही हैं! जी हाँ! समय के साथ ग्लैमर ने यहाँ भी दस्तक दे दी है।
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‘प्रधानमंत्री कौशल विकास’ के जरिये देवघर की लड़कियों को ब्युटिशियन की ट्रेनिंग देने की पहल की गई है।
सबसे पहले एक मेक-अप प्रतियोगिता आयोजित कर याहां की लड़कियों को सजाया जाता है। इन्हें उन लड़कियों और महिलायें सजाती हैं जो इसकी ट्रेनिंग ले चुकी होती हैं।

ये यहाँ की लड़कियों को इस कदर सजाती हैं कि की आज वो भी एक बेहतर ब्युटिशियन बनने की राह पर निकल पड़ी है… एक रिपोर्ट 

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ये खूबसूरत बालाएं कोई और नहीं, बल्कि गांव की गोरियाँ है! जो आज ब्यूटी क्वीन लग रही है और ये कारनामा उन हाउस वाइफ ने कर दिखाया है जो घर पर बैठी रहती थी, लेकिन स्किल डवलपमेंट के द्वारा चलाई जा रही संस्था ‘ब्यूटी एंड विल्लनेस’ स्किल काउंसिल ने ये कारनामा कर दिखाया है।

घर की महिलाओं और लड़कियों को ब्यूटीशियन से जोड़ने के लिए सबसे पहले गांव की लड़कियों को बुलाकर ट्रेंड ब्युटिशियन के जरिये उन्हें सजाया जाता है, उनका मेक-अप किया जाता है।

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कंपनी की सीइओ अनु बाधवा के मुताबिक़ देवघर में इस तकनीक को समझा कर वे गांव और शहर के युवतियों को जागरूक कर उन्हें ग्लैमर के क्षेत्र में लाना चाहती है।
उनके मुताबिक इसे सीखकर वो 50 से 1 लाख रुपये तक महीने में कमा सकती है और खुद की सुन्दरता का ध्यान भी रख सकती है।
आपको बता दें कि याहाँ कुछ ऐसी गृहणियां भी आती हैं जिन्होंने कई जगह ट्रेनिंग तो ली होती है, लेकिन सर्टिफिकेट नहीं रहने के कारण कुछ कर नहीं पाई ।  

संथाल परगना की गिनती झारखंज के पिछड़े क्षेत्रों में होती है, लेकिन याहाँ की लड़कियों का ग्लैमर के क्षेत्र में आना और खुद के पैरों पर खड़ा होना वाकई काबिले तारीफ है। 

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