मलेरिया को खत्म करने के लिए 2022 तक का टारगेट- स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मलेरिया के बढ़ते मामलों को देख इसे जड़ से खत्म करने के लिए 2022 तक का टारगेट रखा है। सरकार इसमें आम जनता के साथ District-Level तक जागरूकता फैलाने पर ध्यान देने की बात कर रही है।
I request all States to support us in implementing National Strategic Plan for #Malaria Elimination (#NSPME) #SwasthaBharat
— Jagat Prakash Nadda (Modi Ka Parivar) (@JPNadda) July 12, 2017
https://jharpost.com/2017/07/04/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%AF-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-108-%E0%A4%8F%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%B8-%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A4%BE/
सरकार के मुताबिक फिलहाल इस समय मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले ओड़िसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महारष्ट्र के कुछ हिस्सो में सामने आए है ।
दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया को खत्म करने का टारगेट 2030 तक का रखा था, लेकिन सरकार ने इसे 2027 तक किया है । सरकार के मुताबिक वो तीन साल पहले ही अपने लक्ष्य तक पहुंचने में कामयाब हो सकती है बशर्ते सभी राज्य इसमें सहयोग करे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत में हर साल लगभग 18 लाख लोगों को मलेरिया की बीमारी से जूझना पड़ता है। पूरी दुनिया में मलेरिया से प्रभावित देशों में से 80 फीसदी केस भारत, इथियोपिया, पाकिस्तान और इंडोनेशिया के होते हैं।
उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, त्रिपुरा और मेघालय और नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में मलेरिया के ज्यादा मामले सामने आते हैं। इन राज्यों में बड़ी आबादी पहाड़ी और वन क्षेत्रों में बसते हैं, जहां इसका खतरा ज्यादा है। विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार मलेरिया के टाइप पी विवेक्स में पूरी दुनिया में 80 फीसदी मामले ज्यादातर तीन देशों में सामने आते हैं, जिसमें भारत भी शामिल है।