शिक्षा, स्वास्थ्य और सिंचाई में राज्य को और कार्य करने की जरुरत- नीति आयोग

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“झारखण्ड का विकास दर अभी 8.6 प्रतिशत है, इससे 3 वर्ष पूर्व तक राज्य का दर 4.5 प्रतिशत ही रहा।  इससे साफ़ पता चलता है कि राज्य में विकास हेतु बेहतर एवं प्रभावी कार्य हो रहे है। राज्य के विकास दर में और बढ़ोतरी हो इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार समन्यवय स्थापित कर कार्य करे। नीति आयोग किसी भी राज्य की समस्याओं और जरूरतों को ध्यान में रख कर नीति बनाती है”

DFUiwL0XcAAJEBeउपरोक्त बातें शुक्रवार को नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के सारस्वत ने कही। वे प्रोजेक्ट भवन में आयोजित संवाददाता सम्मलेन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए और जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु नीति आयोग झारखंज को हर संभव सहयोग करेगा।

सारस्वत ने कहा कि झारखण्ड निर्माण के 17 वर्ष हो चुके है लेकिन विगत 3 वर्षों में जितना कार्य हुआ इससे पहले नहीं हुआ था। राज्य सरकार केंद्र सरकार से तालमेल स्थापित कर योजनाओं को अमलीजामा पहना रही है जिसका सीधा लाभ यहाँ के लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग का उद्देश्य है कि राज्य की आवश्यकता अनुसार पंचायत स्तर तक के विकास कार्य को सुचारू करना।

सारस्वत ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान आश्वासन दिया है कि वे नीति आयोग और केन्द्र सरकार की अपेक्षा के अनुसार राज्य में विकास का कार्य करेगें। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई और अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा की गयी। सारस्वत ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सिंचाई में राज्य को और कार्य करने की जरुरत बताई।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का लक्ष्य है कि देश के सभी राज्यों का विकास दर राष्ट्रीय स्तर के विकास दर तक पहुंचे। उन्होंने यहां के महाविद्यालयों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने का सुझाव भी दिया।

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