Dumka: धर्म परिवर्तन कराने गये 16 ईसाई प्रचारक गिरफ़्तार…

0

Warning: Attempt to read property "post_excerpt" on null in /home/wxagqanb/domains/jharkhandreporter.com/public_html/wp-content/themes/covernews/inc/hooks/blocks/block-post-header.php on line 43

दुमका में शनिवार को आदिवासियों के बीच कथित तौर पर धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश में जुटे 16 ईसाई धर्म प्रचारकों को गिरफ़्तार किया गया है।

इनपर आरोप है कि वे शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के सुदूर फूलपहाड़ी गांव में ग़ैरक़ानूनी ढंग से प्रचार कर रहे थे और ग्रामीणों पर धर्म बदलने के लिए ज़ोर दे रहे थे…

BBC2
Photo: BBC Hindi

दुमका पुलिस के मुताबिक ‘झारखंड धर्म स्वातंत्र्य अधिनियिम 2017’ की धारा 4 और ‘भारतीय दंड विधान’ की अलग-अलग धाराओं के तहत 16 लोगों को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया है। इनमें 7 महिलाएं भी शामिल हैं। इस अधिनियिम के तहत आदिवासियों पर धर्म परिवर्तन कराने के लिए ज़ोर देने, उन्हें प्रलोभन देने या ग़ैर क़ानूनी तौर पर प्रचार-प्रसार करने के आरोपों में 4 साल की सज़ा हो सकती है।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ ये कार्रवाई फूलपहाड़ी के ग्राम प्रधान तथा ग्रामीणों की शिकायत पर दर्ज की गई है। गुरुवार को गांव के आदिवासियों ने इसका विरोध किया था और नहीं मानने पर सभी लोगों को अपने कब्ज़े में ले लिया था, अगले दिन यानी शनिवार को उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया।

आदिवासी देवी-देवताओँ के खिलाफ़ बोल रहे थे ईसाई प्रचारक

“गांव के आदिवासियों को इन बातों पर गुस्सा आया कि धर्म परिवर्तन के लिए प्रचार के ज़रिए मांझी थान और जाहेर थान (आदिवासियों की आस्था, पूजा-पाठ की जगह) के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बातें कही जा रही थीं। वो आदिवासियों की भावना को ठेस पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे.”

BBC
Photo: BBC Hindi

इसके विरोध में डुगडुगी बजाकर ग्रामीणों को एकजुट किया गया इसके बाद ग्रामीणों ने इन प्रचारकों को कब्ज़े में ले लिया और उनसे कहा गया कि ‘जिन लोगों ने उन्हें यहां भेजा है उन्हें बुलाओ’। इस बीच वहां पुलिस पहुंची और सभी लोगों को थाने ले गई।

फूलपहाड़ी के ग्राम प्रधान रमेश के मुताबिक़ गुरुवार को ईसाई प्रचारक गांव पहुंचे वाहां उन्होंने पहले माइक लगाकर धर्म से जुड़ा गाना गाया। फिर वो बताने लगे कि हमारे (आदिवासियों के) जाहेर थान में शैतान निवास करते हैं।”

BBC3
Photo: BBC Hindi

ग्राम प्रधान का दावा है कि ये लोग धर्म परिवर्तन के लिए कई प्रकार का प्रलोभन दे रहे थे, इसी वजह से ग्रामीणों को गुस्सा आ गया। वो बताते हैं, “हम लोगों ने प्रचारकों को गांव से बाहर जाने को कहा, लेकिन वो यह कहते रहे कि ऊपर से आदेश आया है। तब गांव वालों ने प्रचारकों को कब्ज़े में लिया और उनसे आदेश देने वालों को बुलाने को कहा।”

वो दावा करते हैं कि किसी के साथ किसी तरह की बदसलूकी नहीं की गई और उन्हें बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया। इस घटना के सामने आने के बाद इस इलाके के आदिवासी गांवों में पारंपरिक तरीके से ये अपील की जा रही है कि लोग प्रचारकों के झांसे में ना आएं और उन्हें अपने गांवों में ना घुसने दें।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *