तमिलनाडु में किसानों के कर्ज़माफी के लिए डीएमके का आंदोलन
तमिलनाडु में सूखे से जूझ रहे किसानों के समर्थन में आज विपक्षी दलों की ओर से बुलाए गए बंद का मिला जुला असर रहा। कावेरी डेल्टा इलाके में जो कि सूखे से सबसे ज्यादा है वहां बंद का असर कुछ ज्यादा दिखा। कई जगह पर रेल को रोकने की कोशिश भी की गई लेकिन साथ ही भारी पुलिस बंदोबस्रत भी दिखा।
सरकारी दफ्तर खुले रहे और चेन्नई में यातायात भी लगभग सामान्य दिखा। बंद का नेतृत्व कर रहे डीएमके नेता स्टालिन को डेल्टा इलाके के तिरुवारुर से हिरासत में लिया गया।
इस बंद के जरिए और किसान मुद्दे के सहारे डीएमके की कोशिश विपक्ष को राज्य की एआईएडीएमके सरकार के खिलाफ लामबंदी करने की भी दिखी। हालांकि डेल्टा क्षेत्र के तिरुवारुर पहुंचने पर डीएमके नेता स्टालिन को समथकों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
स्टालिन इस समस्या के समाधाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग कर रहे हैं।
सूनी सड़कें, दूकानों में पड़े ताले ये तस्वीरें तमिलनाडु के तटीय जिले नागापट्टिनम की तस्वीर बयां कर रही हैं। नागापट्टिनम पूरे राज्य में सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है और कावेरी डेल्टा के 8 जिलों में एक है।
किसान संगठनों का कहना है कि जबतक कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड बनाने, बंटवारे की रुप रेखा तय करने वाली समिति के गठन के साथ किसानों का लोन माफ नहीं होता और किसानों को पेंशन का ऐलान नहीं होता ये आंदोलन जारी रहेगा।
इससे पहले दिल्ली के जंतर मंतर पर 40 से ज्यादा दिनों तक अनशन पर बैठे किसान भी तमिलनाडु के विभिन्न् इलाकों में बंद के लिए पहुंचे। उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया। तमिलनाडु में बीते 140 साल के सबसे बड़े सूखे की स्थिति है और सरकारी आंकड़ों में बीते छह महीने में 82 जबकि किसान संगठनों के मुताबिक 450 से ज्यादा किसान आत्महत्या या मौत का शिकार हो चुके हैं।