कौन हैं सनातन धर्म अपनाने वाले ‘Waseem Rizvi’ जानें क्यों किया उन्होंने धर्मपरिवर्तन ?
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) ने आज हिंदू धर्म अपना लिया। इसके साथ ही उनका नाम भी बदल गया है और अब वे जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी नाम से जाने जायेंगे।
इस्लाम छोड़कर हिन्दू बनने के बाद जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) ने कहा, ”धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है, जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया तो फिर मेरी मर्जी है कि मैं कौन सा धर्म स्वीकार करूं। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है, जितनी उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं, और किसी धर्म में नहीं है। इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते हर जुमे की नमाज के बाद हमारा सिर काटने के लिए फतवे दिये जाते हैं तो ऐसी परिस्थिति में हमको कोई मुसलमान कहे, इससे हमको खुद शर्म आती है उन्होंने कहा”।
यति नरसिंहानंद ने शामिल कराया: सोमवार को गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद ने वसीम रिजवी को हिन्दू धर्म में शामिल कराया इसके बाद वे मंदिर में भगवान की पूजा की।
सुप्रीम कोर्ट में कुरान से 26 आयतें हटाने की लगाई थी याचिका
वे इस्लाम में सुधार की मांग भी कर चुके हैं कुरान से 26 आयतें हटाने की याचिका उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद के दौरान भी रिजवी ने शिया वक्फ की ओर से मंदिर के लिए सारी जमीन रामलला को सौंपने की पहल की थी। उनका कहना था कि मूल रूप से विवादित जमीन पर शियाओं का कब्जा था सदियों तक उस जमीन और मस्जिद के मुतवल्ली शिया मौलवी और इमाम ही रहे।
हाल ही में वे पुस्तक ‘मोहम्मद’ का लेखन और प्रकाशन कर विवादों में आये थे इसी दौरान रिजवी ने हरे झंडे को इस्लाम का प्रतीक और झंडा मानने को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। वे सबसे ज्यादा विवादित चर्चा में तब रहे जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान शरीफ की 26 आयतों पर आपत्ति जताते हुए उन्हें कुरान पाक से हटाने की भी गुहार लगाई थी। रिजवी की दलील थी कि ये आयतें धर्म की आड़ में कट्टरता और नफरत सिखाती हैं।
इसके बाद उन्हें हत्या की धमकियां भी मिलीं, हालांकि अयोध्या मामले से लेकर झंडा या फिर कुरान से आयतें हटाने की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने खारिज ही कर दीं थी।
सपा, बसपा के बाद फ़िल्म भी प्रोड्यूसर की निभा चुके हैं भूमिका
बता दें कि हिंदू धर्म अपनाने वाले वसीम रिजवी का जन्म शिया मुस्लिम परिवार में हुआ। उनके पिता रेलवे के कर्मचारी थे, लेकिन जब रिजवी छठी कक्षा में थे तभी उनके वालिद (पिता) का निधन हो गया था। इसके बाद वसीम रिजवी 12वीं की पढ़ाई के बाद सऊदी अरब में एक होटल में नौकरी करने चले गए और फिर बाद में जापान और अमेरिका में काम किया। उत्तर प्रदेश की सियासत में सपा, बसपा के सदस्य रहे रिज़वी ‘राम की जन्मभूमि’ नाम से फ़िल्म भी प्रोड्यूस कर चुके हैं।