Books On Jharkhand: वरिष्ठ पत्रकार श्याम किशोर चौबे की ‘झारखंड एक बेचैन राज्य का सुख’ का हुआ भव्य विमोचन
Books On Jharkhand: वरिष्ठ पत्रकार और लेखक श्याम किशोर चौबे जी द्वारा लिखित पुस्तक ‘झारखंड एक बेचैन राज्य का सुख’ का विमोचन राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने किया।
रविवार रांची प्रेस क्लब में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस पुस्तक में लेखक ने झारखंड के लिए अपनी बेचैनी को दर्शाया है।
झारखंड के विकास के लिए इस तरह की बेचैनी राज्य के सभी लोगों में होना चाहिए जिससे झारखंड का भविष्य सुनहरा और अच्छा होगा।
श्री मरांडी ने कहा कि कोई भी देश या राज्य का विकास अचानक नहीं हो जाता है उसमें समय लगता है l झारखंड अलग बनने के बाद राज्य का विकास हुआ है कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है। राज्य बनने से पहले जो भाई का वातावरण था अब वह यहां नहीं है l
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यह पुस्तक हमें प्रेरणा देगी: Rameshwar Oraon
उद्घाटनकर्ता झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि इस पुस्तक में लेखक श्याम किशोर चौबे ने राज्य के पिछड़ेपन और विकास के लिए बेचैनी को दर्शाया है। यह पुस्तक हमें प्रेरणा देगी।
कहा कि झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल के शासनकाल में बेईमानी नहीं थी आज समय बदल गया है। राज्य में वित्तीय प्रबंधन के अभाव के कारण राज्य का विकास सही तरीके से नहीं हो रहा है। अभी भी राज्य में 60% लोग गरीब हैं, उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाना उपलब्धि नहीं बल्कि राज्य की जनता का विकास करना सबसे बड़ी उपलब्धि है।
राज्य के विकास के लिए सभी लोगों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।
Books On Jharkhand history: अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार पदमश्री बलबीर दत्त ने कहा झारखंड अलग राज्य बनने के बाद राज्य ने बहुत राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखे हैं। झारखंड के विकास के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा तभी या राज विकास की ओर तेजी से अग्रसर होगा।
राज्य से आदिवासी और गैर आदिवासी की भावना को दूर कर सब झारखंडी बनकर मेल मिलाप से कार्य करें तो राज्य आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्यहित में सभी को इकट्ठा होकर और राज्य के विकास के लिए कार्य करना होगा तो हमारा भविष्य स्वर्णिम होगा। उन्होंने इस पुस्तक को लोगों को प्रेरणा देने वाला पुस्तक बताया।
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पुस्तक के लेखक श्याम किशोर चौबे ने अपनी बात रखते हुये कहा की झारखंड में शांति के साथ बेचैनी भी है। अलग राज बनने का सुख तो मिला लेकिन विकास नहीं हो पाने की बेचैनी आज भी है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक में अलग-अलग विचारधारा होना स्वाभाविक है लेकिन राज्य के विकास लिए सभी लोग अगर एक साथ बेचैन हो तो इसका लाभ राज्य और राज्य की जनता को मिलेगा। पुस्तक में इसी भावना को प्रदर्शित करने का प्रयास किया हूं।
समारोह में राज्य खाद्य सुरक्षा आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी, वरिष्ठ पत्रकार नीरज पाठक, रामेश्वरम और प्रभात प्रकाशन के प्रमुख पीयूष कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए, इस दौरान राज्य के कई वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।