आज से शुरू हो रहा लोकआस्था का महापर्व छठ, यह पर्व क्यों है ‘विशेष’ पढ़िये इस लेख में

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भारतवर्ष में प्रकृति को सनातन काल से ही पूजने की परंपरा रही है। प्रकृति से सनातन की गहरी आस्था और श्रद्धा जुड़ी है और इसी से जुड़ा है लोक आस्था का महापर्व छठ। जिसमें छठी मैया के अलावा सूर्यदेव की भी आराधना की जाती है।

4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में पहले दिन नहाय खाय होता है। दूसरे दिन खरना या लोखंडा के रूप में जाना जाता है, तीसरा दिन षष्टी को पड़ता है जिसका सबसे ज्यादा महत्व है इस दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध दिया जाता है।

पूजा के चौथे और आखिरी दिन उगते सूर्य नारायण के अर्ध के साथ पारण यानी की पूजा की समाप्ति होती है। व्रती स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुये 36 घंटे का निर्जला उपवास कर प्रकृति के प्रति अपनी दृढ़ आस्था व विश्वास का संदेश देती हैं।

बिहार-झारखंड व पूर्वांचल से शुरू हुआ यह त्यौहार आज दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मनाई जाने लगी है। अपने आप में विशेष व महिलाओं की प्रधानता का प्रतीक इस पर्व के दौरान सामाजिक एकता और प्रेम की झलक दिखती है।

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