ATM Cash Withdrawal Rules : एटीएम से पैसे निकालना होगा और महंगा, 1 मई से बदल जाएंगे ये नियम

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ATM Cash Withdrawal Rules : 1 मई 2025 से एटीएम से नकद निकासी करना और भी महंगा हो जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम लेनदेन शुल्क में बदलाव की घोषणा की है, जिससे बैंक अपने ग्राहकों से अधिक शुल्क वसूलेंगे।

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ATM Cash Withdrawal Rules : एटीएम से पैसे निकालने के नए नियम क्या हैं?

आरबीआई ने एटीएम से जुड़े नए नियमों को लागू करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत बैंक ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क वसूलेंगे।

  • नकद निकासी शुल्क: अब यदि आप अपने फ्री लेनदेन की सीमा पार करते हैं, तो हर अतिरिक्त लेनदेन के लिए ₹19 की बजाय ₹21 का भुगतान करना होगा।
  • बैलेंस चेक शुल्क: बैलेंस जांच करने पर भी अब ₹6 की बजाय ₹8 का शुल्क लिया जाएगा, यदि आपने मुफ्त लेनदेन की सीमा पार कर ली है।
  • मुफ्त लेनदेन की सीमा:
  • मेट्रो शहरों में 5 मुफ्त लेनदेन (जिसमें नकद निकासी और बैलेंस जांच शामिल है)।
  • गैर-मेट्रो शहरों में 3 मुफ्त लेनदेन।

इंटरचेंज शुल्क क्या है और इसमें क्या बदलाव हुए हैं?

इंटरचेंज शुल्क वह राशि होती है, जो एक बैंक दूसरे बैंक को भुगतान करता है, जब उसका ग्राहक किसी अन्य बैंक के एटीएम से पैसे निकालता है।

नए नियमों के तहत:

  • वित्तीय लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क ₹17 से बढ़ाकर ₹19 कर दिया गया है।
  • गैर-वित्तीय लेनदेन (बैलेंस चेक, मिनी स्टेटमेंट आदि) के लिए ₹6 से बढ़ाकर ₹8 कर दिया गया है।

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एटीएम शुल्क बढ़ाने के पीछे क्या कारण हैं?

आरबीआई ने एटीएम शुल्क में वृद्धि के पीछे कई कारण बताए हैं:

  • बढ़ती परिचालन लागत: एटीएम की स्थापना, रखरखाव, सुरक्षा और तकनीकी अपग्रेड की लागत बढ़ रही है।
  • डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा: सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना चाहती है, जिससे नकदी पर निर्भरता कम हो।
  • बैंकों का दबाव: बैंकों ने एटीएम के बढ़ते खर्चों की भरपाई के लिए इंटरचेंज शुल्क बढ़ाने की मांग की थी।

नए नियमों का ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

1 मई 2025 से लागू होने वाले इन नियमों का सीधा असर बैंक ग्राहकों पर पड़ेगा:

  • अधिक शुल्क का भुगतान: मुफ्त लेनदेन की सीमा पार करने पर ग्राहकों को अधिक शुल्क देना होगा।
  • छोटे ग्राहकों पर असर: ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले और छोटे ग्राहक जो अधिक नकद लेनदेन करते हैं, उन्हें सबसे ज्यादा प्रभाव महसूस होगा।
  • डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा: ग्राहक अब डिजिटल भुगतान माध्यमों (UPI, मोबाइल बैंकिंग) की ओर रुख कर सकते हैं।

कौन-कौन से बैंक नए नियम लागू करेंगे?

आरबीआई के निर्देशानुसार, सभी निजी, सरकारी और सहकारी बैंक इन नए शुल्कों को लागू करेंगे। प्रमुख बैंक जिनके एटीएम से लेनदेन महंगे होंगे:

  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
  • पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
  • एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)
  • आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
  • एक्सिस बैंक (Axis Bank)

अतिरिक्त शुल्क से कैसे बचें?

नए एटीएम नियमों के लागू होने के बाद आप कुछ उपाय अपनाकर अतिरिक्त शुल्क से बच सकते हैं:

  • मुफ्त लेनदेन की सीमा के भीतर रहें: मेट्रो शहरों में 5 और गैर-मेट्रो में 3 मुफ्त लेनदेन का पूरा लाभ उठाएं।
  • अपने बैंक के एटीएम का उपयोग करें: अन्य बैंकों के एटीएम से ट्रांजैक्शन करने पर शुल्क अधिक होता है।
  • डिजिटल भुगतान का उपयोग करें: नकद लेनदेन की बजाय UPI, मोबाइल बैंकिंग, या नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें।
  • एटीएम लेनदेन की योजना बनाएं: एक बार में आवश्यक राशि निकालें ताकि बार-बार ट्रांजैक्शन से बचा जा सके।

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ग्रामीण और छोटे ग्राहकों पर क्या असर होगा?

ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम की संख्या सीमित होती है और लोग नकद लेनदेन पर अधिक निर्भर होते हैं। नए शुल्कों के कारण:

  • अतिरिक्त वित्तीय भार: कम आय वाले ग्राहकों के लिए बढ़ा हुआ शुल्क आर्थिक बोझ बन सकता है।
  • बैंकिंग सेवाओं से दूरी: अधिक शुल्क के कारण कुछ लोग बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कम कर सकते हैं।
  • डिजिटल सेवाओं की चुनौती: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की कमी के कारण डिजिटल ट्रांजैक्शन अपनाना मुश्किल हो सकता है।

भविष्य में एटीएम शुल्क को लेकर क्या उम्मीद की जा सकती है?

आरबीआई समय-समय पर एटीएम शुल्क की समीक्षा करता है। यदि भविष्य में परिचालन लागत और अधिक बढ़ती है, तो एटीएम शुल्क में और वृद्धि हो सकती है। हालांकि, डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार शुल्क में राहत देने के विकल्प भी तलाश सकती है।

निष्कर्ष:

क्या आप इन नए नियमों से सहमत हैं? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!

अगले कदम:

  • अपने बैंक की एटीएम शुल्क नीति की समीक्षा करें।
  • डिजिटल लेनदेन अपनाएं और नकद निकासी की आवश्यकता कम करें।
  • मुफ्त लेनदेन की सीमा के भीतर ही एटीएम का उपयोग करें।

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