इस शहर में भिखारियों को भीख दी तो होगी जेल, सरकार ने की ये अपील
मध्य प्रदेश के इंदौर में अब भिखारियों को भीख या पैसे देने पर जेल जाने का खतरा हो सकता है। जिला प्रशासन ने इस संबंध में सख्त आदेश जारी किए हैं। 1 जनवरी 2025 से इंदौर में एक नया कानून लागू होगा, जिसके तहत शहर को भिखारी मुक्त बनाने का अभियान शुरू किया जाएगा। यह पहल केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत 10 शहरों में चलाई जा रही है।
इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने की कोशिश
इंदौर के जिलाधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रयासरत है। अभियान के तहत भिखारियों को आश्रय और रोजगार प्रदान करने के लिए संगठनों की मदद ली जा रही है।
- भिखारियों को छह महीने तक शेल्टर हाउस में रखा जाएगा।
- उन्हें स्वरोजगार या अन्य कार्यों से जोड़ा जाएगा।
- दिसंबर 2024 तक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, जिससे लोगों को इस समस्या की गंभीरता समझाई जा सके।
सरकारी और सामाजिक संगठनों की भूमिका
मध्य प्रदेश के सामाजिक कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ने बताया कि इंदौर में एक संगठन इस योजना को सफल बनाने में मदद कर रहा है। यह संगठन भिखारियों को न केवल आश्रय प्रदान करेगा, बल्कि रोजगार दिलाने में भी सहयोग करेगा। कुशवाहा ने कहा, “यह अभियान तभी सफल होगा, जब स्थानीय लोग और प्रशासन एकजुट होकर काम करेंगे।”
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भिखारियों के लिए शेल्टर हाउस और कड़ी कार्रवाई
- इंदौर में भिखारियों की धरपकड़ अभियान चल रहा है।
- पकड़े गए भिखारियों को आश्रय स्थलों में भेजा जा रहा है।
- जिलाधिकारी सिंह ने बताया कि पहले ही भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध का आदेश जारी किया जा चुका है।
- उन्होंने बताया कि भिखारियों के पास बड़ी मात्रा में नकदी पाई गई है। उदाहरण के तौर पर, एक भिखारी के पास 29,000 रुपये मिले।
- कुछ भिखारी पेशेवर रूप से पैसे उधार देकर ब्याज पर कारोबार करते हैं।
देश के 10 शहरों में चल रहा प्रोजेक्ट
केंद्र सरकार ने देश के 10 प्रमुख शहरों को भिखारी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इनमें शामिल हैं:
- दिल्ली
- बेंगलुरु
- चेन्नई
- हैदराबाद
- इंदौर
- लखनऊ
- मुंबई
- नागपुर
- पटना
- अहमदाबाद
भिक्षावृत्ति से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी
एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कई भिखारी ऐसे हैं, जिनके पास पक्के मकान हैं। उन्होंने भीख मांगने को अपना पेशा बना लिया है।
प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों से आग्रह किया है कि वे भिखारियों को पैसे न दें। यह न केवल शहर को भिखारी मुक्त बनाने में मदद करेगा, बल्कि भिखारियों को आत्मनिर्भर बनने का मौका भी देगा।
निष्कर्ष
भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध लगाने और भिखारियों को पुनर्वासित करने की यह पहल समाज को सकारात्मक दिशा में ले जाने का प्रयास है। इंदौर में शुरू हुआ यह अभियान अगर सफल होता है, तो अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।