दीर्घायु जीवन के लिये लोग ऑर्गेनिक उत्पादों का करें अधिकाधिक इस्तेमाल: ‘साइंटिस्ट बाबा’ श्रीजी रमण योगी
नई दिल्ली: शरीर में बीमारियां के घर कर जाने का बड़ा कारण है हमारा खान-पान। खाने-पीने की चीजें हमें खेतों व प्रकृति प्रदत पेड़-पौधों से ही मिलती हैं, लेकिन ज्यादा उत्पादन के लिए आजकल खेती में केमिकल और फर्टिलाइजर का इस्तेमाल खूब किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप बेहद कम उम्र में ही लोगों को विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने लगती हैं।
ऐसी स्थिति से बचने के लिए बिना रसायन प्राकृतिक रूप से उगाए गए फल, सब्जियां आदि खाद्य व पेय पदार्थ मिलें इसलिये ऑर्गेनिक फूड एक बेहतर विकल्प है। क्योंकि ऑर्गेनिक फूड में किसी भी प्रकार के रसायन का उपयोग नहीं किया जाता और ये प्रकृति के संतुलन के साथ उगाए जाते हैं।
इस दौरान शनिवार स्टॉल पर आये ‘साइंटिस्ट बाबा’ के नाम से विख्यात वैदिक गुरु श्रीजी रमन योगी (Shree Jee Raman Yogi Ji) इन उत्पादों से बेहद प्रभावित हुये। श्रीजी रमन योगी ने कहा कि भारतीय संस्कृति हमेशा से ही पारंपरिक खेती पर जोर देती आई है। लोग कई प्रकार के पदार्थ अपने दैनिक जीवन में प्रयोग कर रहे हैं, आज हम कई प्रकार के पेय पदार्थ पी रहे हैं जो हमारे शरीर के लिए नुकसानदेह हैं और उसके परिणाम लोगों को विंभिन्न प्रकार के बीमारियों के रूप में दिखे हैं।
इस दौरान श्रीजी योगी ने कहा कि ऑर्गेनिक उत्पादों की विशेषता यह होती है कि इनमें किसी भी प्रकार के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते।
उन्होंने कहा कि रसायन के उपयोग खेती की मात्रा तो बढ़ा देती है लेकिन जीवन की मात्रा घटा देती है। भारत जैसे प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण देश में यह देखा जा रहा है कि अधिकतर लोगों की आयु 50 से 60 वर्ष बड़ी मुश्किल से खींच रही है और वृद्धावस्था में लोग विभिन्न प्रकार के बीमारियों के भी शिकार हो रहे हैं। ऐसे में आज लोगों को सुखी व दीर्घायु जीवन के लिये खाद्य व पेय पदार्थों के चयन पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।
प्राचीन विद्या साधक श्रीजी रमण योगी जी ने किसानों से भी आह्वाहन किया कि अधिक उत्पादन के लालच में आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद ना करें। साथ ही कहा कि सरकार को भी जैविक खेती को अधिकाधिक प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है और ऐसी नीतियां तत्काल प्रभाव से लागू किए जाने की भी आवश्यकता है जिससे देश के किसान फिर से जैविक खेती की ओर लौट सकें।