Budget Review: किन लोगों को देना होगा इनकम टैक्स, जाने क्या है पूरी जानकारी? 👇

Budget Review: बजट 2025 में टैक्सपेयर्स के लिए नई टैक्स व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इस बदलाव के तहत, अब 12 लाख रुपये तक की आय पर विशेष कर छूट (रिबेट) को बढ़ाकर इसे पूरी तरह से करमुक्त कर दिया गया है। हालांकि, अगर किसी व्यक्ति की आय 12 लाख रुपये से कम है, लेकिन वह सैलरी के अलावा कैपिटल गेन से भी आय अर्जित करता है, तो उसे इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा। इसके पीछे कारण यह है कि खास प्रकार की आय पर अलग टैक्स नियम लागू होते हैं।
Budget Review: रिबेट का लाभ नहीं मिलेगा इन मामलों में
बजट में यह प्रस्ताव किया गया है कि धारा-87ए के तहत रिबेट का लाभ केवल सैलरी से प्राप्त आय पर ही मिलेगा। यदि सैलरी के अलावा किसी अन्य स्रोत से आय हुई है, जो कैपिटल गेन के तहत आती है, तो इस आय पर रिबेट का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे मामलों में, रिबेट सिर्फ सैलरी से हुई आय पर मिलेगी, जबकि कैपिटल गेन पर अलग-अलग टैक्स दरों के अनुसार कर का भुगतान करना होगा।
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रिबेट में हुए बदलाव
नई कर व्यवस्था के तहत पहले, 12.75 लाख रुपये तक की आय पर 80,000 रुपये का कर लागू होता था, लेकिन अब नए स्लैब के अनुसार यह राशि घटकर 60,000 रुपये हो जाएगी। इसके साथ ही, सरकार ने आयकर पर मिलने वाली विशेष कर छूट (रिबेट) को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया है, जिससे 12 लाख रुपये तक की आय वाले करदाता पूरी तरह से करमुक्त हो जाएंगे। यह राहत केवल धारा-87ए के तहत मिलने वाली रिबेट में की गई है, न कि मूल टैक्स संरचना में।
रिबेट मिलेगा केवल इन मामलों में
- सैलरी, पेंशन, ब्याज, किराया, या व्यवसाय से आय प्राप्त होने पर, और कोई विशेष आय स्रोत (जैसे कैपिटल गेन) नहीं हो।
- कुल आय 12 लाख रुपये तक हो और करदाता नई टैक्स व्यवस्था को अपनाता हो। पुरानी टैक्स व्यवस्था अपनाने पर इस रिबेट का लाभ नहीं मिलेगा।
- इन मामलों में 12 लाख रुपये की आय पर भी करना होगा कर भुगतान
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कैपिटल गेन
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG): अगर कोई व्यक्ति शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, संपत्ति आदि से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन प्राप्त करता है, तो उस पर 20% की दर से कर लगेगा। धारा 87ए के तहत रिबेट इस पर लागू नहीं होगी।
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG): अगर कोई व्यक्ति लंबी अवधि (एक साल से अधिक) तक निवेश करके कैपिटल गेन अर्जित करता है, तो उस पर 12.5% की दर से कर लगेगा। यदि कैपिटल गेन एक लाख रुपये से अधिक है, तो कर लगेगा।
- लॉटरी और गेमिंग शो से आय: यदि आय लॉटरी, जुए, सट्टेबाजी या गेम शो जैसी विशेष श्रेणियों से हो, तो उस पर 30% की दर से कर लगाया जाएगा।
- व्यवसायिक आय और अन्य विशेष आय: फ्रीलांसिंग, व्यवसाय या पेशेवर सेवाओं से प्राप्त आय पर भी विशेष कर नियम लागू हो सकते हैं।
उदाहरण के साथ समझें टैक्स चुकाने की प्रक्रिया
अगर किसी करदाता की कुल आय 12 लाख रुपये है, जिसमें से 8 लाख रुपये सैलरी से और 4 लाख रुपये शेयर या म्यूचुअल फंड से कैपिटल गेन से प्राप्त होती है, तो धारा 87ए के तहत रिबेट (अधिकतम 60,000 रुपये) केवल सैलरी से हुई आय पर मिलेगा। यानी 8 लाख रुपये की सैलरी पूरी तरह से कर मुक्त होगी। लेकिन, 4 लाख रुपये की आय पर शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के अनुसार टैक्स चुकाना होगा।
शॉर्ट टर्म गेन पर टैक्स
अगर 4 लाख रुपये की आय शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन है, तो उस पर 20% की दर से टैक्स लगेगा, यानी 80,000 रुपये टैक्स के रूप में चुकाने होंगे।
लॉन्ग टर्म गेन पर टैक्स रेट
अगर 4 लाख रुपये का लॉन्ग टर्म गेन है, तो 1.25 लाख रुपये की छूट मिलेगी और 2.75 लाख रुपये पर 12.5% टैक्स लगेगा। इस पर कुल 34,375 रुपये टैक्स देना होगा।
डिविडेंड आय पर राहत
सरकार ने डिविडेंड आय पर टीडीएस की सीमा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है। इससे शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड निवेशकों को राहत मिलेगी, क्योंकि उनकी टैक्स देनदारी कम होगी। इस प्रकार, बजट में किए गए इन बदलावों से करदाताओं को आयकर में राहत मिलने के साथ-साथ, कुछ मामलों में टैक्स की दरों में वृद्धि भी हुई है।
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