गढ़वा: नक्सलियों के गढ़ ‘बूढ़ा पहाड़’ पहुँचे CM ने की ये अपील, BPDP का शुभारंभ किया

मुख्यमंत्री ने गढ़वा जिले के नक्सलियों के गढ़ सुदूर बूढ़ा पहाड़ पहुंचकर बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट (BPDP) का शुभारंभ किया। इस प्रोजेक्ट के तहत 100 करोड़ से इस क्षेत्र में अनिवार्य और बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़वा जिले के टेहरी पंचायत के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में अब गोलियों की तड़तड़ाहट नहीं विकास की गूंज सुनाई देगी।

मुख्यमंत्री ने बूढ़ा पहाड़ में स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कभी यह इलाका माओवादियों के खौफ का गवाह था। पूरे इलाके को माओवादियों ने अपने कब्जे में कर रखा था । लेकिन, हमारे सुरक्षाबलों ने माओवादियों को कड़ी चुनौती देते हुए पूरे क्षेत्र को नक्सल मुक्त करा लिया है। आज हम सभी यहां एकत्रित हुए हैं और विकास की एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं। शायद पहली बार यहां ऐसा खुशनुमा माहौल देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में यह इलाका भी विकास के मामले में मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यधारा में लौटे भटके हुए नौजवान

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस भी वजह से नौजवानों ने भटकाव की राह पकड़ी हो उनसे मेरा कहना है कि वे मुख्यधारा में वापस आएं। उन्होंने कहा कि मुख्यधारा से भटकना किसी समस्या का समाधान नहीं है। मुख्यधारा में रहकर ही आप बेहतर और सुरक्षित जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने ऐसे युवाओं व नक्सल बनने की राह पकड़ चुके लोगों से आह्वान किया कि बंदूक के बल पर आप कुछ देर के लिए डर और खौफ का माहौल तो पैदा कर सकते हैं, लेकिन यह ना तो आप के हित में है और ना ही समाज के। आप बंदूक का साथ छोड़ें और सरकार के साथ जुड़े। सरकार आज आपके द्वार आ कर आपको योजनाओं से आच्छादित करने का काम कर रही है। इन योजनाओं से जुड़कर मान सम्मान और स्वाभिमान से जीने का रास्ता चुनें।

आत्मसमर्पण नीति बेहतर है: CM Hemant Soren

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकार के पास मुख्यधारा से भटके हुए लोगों के समर्पण हेतु बेहतर पॉलिसी है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार उनके विकास के लिए सरकार की योजनाओं से लाभान्वित तो कराती ही है साथ ही उनके परिवार के साथ रहने के लिए ओपन जेल और उनके बच्चों के पढ़ाई के लिए भी पूरी व्यवस्था कर रही है।

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आपको सशक्त, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाना है

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर तबके और वर्ग के विकास के लिए सरकार ने योजनाएं बनाई हैं। आपकी आशाओं और उम्मीदों के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है। आप इन योजनाओं का लाभ लें। इन योजनाओं के जरिए आप इतना सशक्त, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनें कि आपको कभी भी सरकार से राशन और अनुदान लेने की जरूरत नहीं पड़े।

वन उत्पादों का तय किया जाएगा MSP

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन उत्पादों को बढ़ावा देने की सरकार ने योजना बनाई है। इसके तहत वन उत्पादों का एमएसपी तय किया जाएगा, ताकि इस पर आश्रित ग्रामीणों को वन उपजों का वाजिब मूल्य मिल सके। सरकार इन वन उत्पादों को खरीदेगी।

हर गांव में दवा दुकान खोलने की है तैयारी

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार हर गांव में एक दवा दुकान खोलने का काम करने जा रही है। इन दवा दुकानों को खोलने के लिए इंटर तक पढ़े लोगों को भी लाइसेंस मिल सकेगा । साथ ही इन दवा दुकानों को मोबाइल के जरिए सरकारी डॉक्टर से जोड़ा जाएगा, जहां 24 घंटे ऑनलाइन सेवा मिल सकेगी ।

CM ने 175 योजनाओं का शुभारम्भ किया

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट (BPDP) के तहत के 5 करोड़ 2 लाख 79 हजार 939 रूपये लागत की कुल 175 योजनाओं का शुभारम्भ किया।

जिसमें विशेष केन्द्रीय सहायता योजना से कुल 1 करोड़ 58 लाख 2 हजार 343 रूपये की 13 योजनायें, उर्जा विभाग (JREDA) की 59 लाख 42 हजार 494 रूपये की 01 योजना, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड सरकार के भूमि संरक्षण प्रभाग से 48 लाख 50 हजार रूपये की कुल 07 योजनायें, मनरेगा अंतर्गत 2 करोड़ 10 लाख 35 हजार 438 रूपये की 135 योजनायें एवं 15वें वित्त की 26 लाख 49 हजार 664 रूपये की 19 योजनायें शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 429 लाभुकों के बीच 1 करोड 25 लाख 81 हजार 303 रूपये की परिसम्पतियों का वितरण  किया।

जिसमें मिनी ट्रैक्टर, पम्पसेट, बर्मी बेड, बीज, कृषि उपकरण किट, खाद्यान राशन किट, सामुदायिक निवेश निधि, फूटबॉल किट आदि शामिल हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, सर्वजन पेंशन योजना, मिशन वात्सल्य, ग्रीन राशन कार्ड, इत्यादि योजनाओं के लाभुको को स्वीकृति-पत्रों का वितरण भी किया गया।

इस अवसर पर पेयजल एवम स्वच्छता मंत्री श्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, डीजीपी नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, उपायुक्त गढ़वा रमेश घोलप, समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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