क्या कांग्रेस से आज़ाद होना चाहते हैं गुलाम नबी! नेतृत्व की तीखी आलोचना से उठ रहे सवाल
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कांग्रेस नेताओं के असंतुष्ट ग्रुप जी-23 समूह के सदस्य गुलाम नबी आज़ाद की आलाकमान से नाराजगी एक बार फिर सामने आई है औऱ उनके तेवर अब तल्ख हो रहे हैं।
टीबी चैनल एनडीटीवी से बात करते हुये गुलाम नबी ने कहा है कि अब कोई आलोचना नहीं सुनना चाहता है और बोलने पर दरकिनार कर दिया जाता है स्पष्ठ है कि उनका इशारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर था। आजाद ने कहा कि कोई भी नेतृत्व को चुनौती नहीं दे रहा है।
जब चीजें सही नहीं थी तब शायद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने मुझे बहुत अधिक स्वतंत्रता दी थी। वे आलोचनाओं का कभी बुरा नहीं मानते थे व वे इसे आक्रामक रूप में भी नहीं देखते थे, लेकिन आज कोई ना सुनने के लिए तैयार नहीं है, ना कहने पर पार्टी से दरकिनार कर दिया जाता है। वहीं आज का नेतृत्व इसे आक्रामक रवैया मानता है।
कांग्रेस नेता ने पार्टी से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने के सवाल पर कहा कि वह ऐसा नहीं कर रहे हैं। हालांकि कहा कि “राजनीति में कोई यह नहीं कह सकता है कि आगे क्या होगा, यह ठीक वैसे ही है जैसे कोई यह नहीं जानता है कि कब उसकी मौत होगी! राजनीति में आगे की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। लेकिन मेरा पार्टी बनाने का कोई इरादा नहीं है। गुलाम नबी आजाद के अनुसार वह राजनीति छोड़ना चाहते थे, लेकिन लाखों समर्थकों का प्यार देखते हुए उन्होंने राजनीति जारी रखने का निर्णय लिया है।”