कांग्रेस ने रायपुर महाधिवेशन में लिया ये 5 संकल्प

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 85वां महाधिवेशन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज संपन्न हुई। अधिवेशन के आख़री दिन यानी रविवार को पार्टी ने समापन।कार्यक्रम में ये ये 5 संकल्प लिये जो निम्नलिखित हैं।

पहला– भारत जोड़ो यात्रा के दौरान लाखों नागरिक और कांग्रेस कार्यकर्ता श्री राहुल गांधी के साथ कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4,000 किलोमीटर की पदयात्रा में शामिल हुए। यात्रा ने भारत की एक समावेशी और प्रगतिशील दृष्टि को आगे बढ़ाया है, जहां संवैधानिक मूल्य सर्वोच्च हैं।

विविधता में एकता, समानता और भाईचारे का संदेश देकर इसने भाजपा की विचारधारा का एक स्पष्ट विकल्प प्रस्तुत किया है। कुछ ही महीनों में हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के महत्वपूर्ण और ज़मीन से जुड़े संगठन, सेवा दल की शताब्दी मनाने जा रहे हैं। यह हमारे जन संपर्क कार्यक्रमों में नई ऊर्जा फुंकने का अवसर होगा।

दूसरा– कांग्रेस पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने कभी भी भाजपा/आरएसएस और उनकी नफ़रत भरी राजनीति से समझौता नहीं किया है। हम हमेशा भाजपा की तानाशाही, साम्प्रदायिक राजनीति और उसके पक्षपात पूर्ण पूंजीवादी आक्रमण के ख़िलाफ़ अपने राजनीतिक मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे। हम समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ मिलकर एक साझा, रचनात्मक कार्यक्रम के माध्यम से अपने संविधान को बचाने तथा देश की तीन मुख्य चुनौतियों – बढ़ती आर्थिक असमानता, बढ़ता सामाजिक ध्रुवीकरण और गंभीर होती जा रही राजनीतिक तानाशाही का दृढ़ता से सामना करते रहेंगे।

तीसरा– इस वर्ष कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिज़ोरम, राजस्थान और तेलंगाना में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव होंगे। हमारी जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को अनुशासन, एकजुटता और पूरी एकता के साथ काम करना चाहिए। इन चुनावों के नतीजे 2024 के सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा चुनाव की दिशा तय करेंगे।

चौथा– छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की हमारी सरकारें देश के बाकी हिस्सों के लिए उदाहरण हैं। यदि हम सिर्फ दो ही उदाहरण लें, तो राजस्थान की मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और छत्तीसगढ़ की राजीव गांधी किसान न्याय योजना अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय मॉडल हैं। हिमाचल की हमारी नवनिर्वाचित सरकार तत्परता से किए हुए वादों को पूरा करने के लिए जुट गई है।

पांचवां- वर्ष 2004 से 2014 के दशक में, कांग्रेस के नेतृत्व में देश ने अब तक का सर्वाधिक जीडीपी ग्रोथ रेट हासिल किया। करोड़ों भारतीयों को ग़रीबी से बाहर निकाला गया। वन अधिकार अधिनियम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं मनरेगा जैसे कई परिवर्तनकारी तथा अधिकार आधारित कानून बनाए गए। अब एक बार फिर से अर्थव्यवस्था को गति देने और देश के उत्पादकों को सशक्त करने का उचित समय है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, जो पिछले साढ़े आठ वर्षों में बर्बाद हो गए हैं, उन्हें पुनर्जीवित किया जाना चाहिए और युवाओं के लिए क्लस्टर-आधारित कौशल विकास कार्यक्रमों तथा श्रम प्रधान मैन्युफैक्चरिंग के लिए अलग से फंडिंग की व्यवस्था एवं तकनीकी सहायता देकर, उन्हें तेज़ी से विकास और रोज़गार का इंजन बनाया जाना चाहिए।

छोटे व्यवसायों और व्यवसायियों के लाभ के लिए जीएसटी को बेहद सरल बनाने के साथ-साथ इसमें बहुत सुधार किए जाने की आवश्यकता है। राज्यों के लिए जीएसटी मुआवजे को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। उत्पादन के बजाय किसानों और कृषि श्रमिकों को केंद्र में रखने के लिए कृषि नीतियों और सुधारों को नई दिशा दी जानी चाहिए।

क़र्ज़ से राहत और कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी जैसे उपाय कर के किसान को सुरक्षित किया जाना चाहिए। तेज़ी से विकास का फल समाज के हर वर्ग तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए संपूर्ण सामाजिक सुरक्षा शुरू की जानी चाहिए, विशेष रूप से एक महिला केंद्रित NYAY कार्यक्रम और एक यूनिवर्सल स्वास्थ्य अधिकार अधिनियम लागू किया जाना चाहिए। सामाजिक न्याय की नींव को मज़बूत करने के लिए जाति जनगणना महत्वपूर्ण है और यह काम बिना देर किए होना चाहिए।

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भारत एक शक्तिशाली कांग्रेस चाहता है और ये उम्मीद करता है कि हम लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप खरा उतरें। भाजपा और आरएसएस की विभाजनकारी ताकतों को परास्त करने के लिए कांग्रेस पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं को भारत जोड़ो यात्रा की रफ़्तार को आगे बढ़ाना चाहिए। मित्रवादी पूंजीवाद, जिसकी मिसाल आज देश और दुनिया देख रही है उसके खिलाफ जनजागृति अभियान चलाया जाएगा। हम एक मज़बूत और एकजुट भारत के निर्माण के लिए एक नए संकल्प और साझा उद्देश्य के साथ रायपुर महाधिवेशन का संदेश भारत के जन-जन तक पहुंचाएंगे।

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