धनतेरस क्यों मनाया जाता है ? पढ़ें विशेष जानकारी पूजा विधि आदि

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कार्तिक पूर्णिमान्त की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय धन्वन्तरि ऋषि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस Dhanteras या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन धन के देव कुबेर, मां लक्ष्‍मी, धन्‍वंतरि और यमराज का पूजन किया जाता है तथा सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है। भारत सरकार ने वर्ष 2016 से इस दिन को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाने का निर्णय लिया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर, साभार Google

धनतेरस पूजन विधि

धनतेरस की शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा के समय घी का दीपक जलाने की मान्यता है। जानकारों के मुताबिक कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई चढ़ाना चाहिए।

पूजा करते समय “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” मंत्र का जाप करें। फिर धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करें। इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें। और मिट्टी का दीपक जलाएं। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग लगाएं और फूल चढ़ाएं।

वर्ष 2021 पूजा मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 02, 2021 को 11:31 AM से
पूजा का मुहूर्त 2 नवम्बर दिन मंगलवार  06:16 PM से 08:11 PM तक
त्रयोदशी तिथि समाप्त – नवम्बर 03, 2021 को 09:02 AM

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