Ekadashi in Dec 2025: मोक्षदा और सफलता प्रदान करने वाली एकादशी की पूरी जानकारी

Ekadashi in Dec 2025

Ekadashi in Dec 2025

दिसंबर 2025 में आने वाली एकादशियाँ हिंदू पंचांग के अनुसार विशेष मानी गई हैं।
Ekadashi in Dec 2025 के दौरान दो महत्वपूर्ण तिथियाँ होंगी Mokshada Ekadashi 2025 और Saphala Ekadashi, जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टि से बहुत अधिक महत्व है।
इन दिनों व्रत, पूजा, दान और ध्यान के माध्यम से व्यक्ति मोक्ष, सौभाग्य और सफलता प्राप्त कर सकता है।
इस लेख में हम आपको December 2025 Ekadashi Dates, व्रत विधि, मुहूर्त, कथा और पारण समय की संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे ताकि आप Ekadashi 2025 का व्रत विधि-विधान से कर सकें (WB Police Constable Question Paper 2025 देखें)।

Jharkhand समेत देशभर के Important News पायें, Group Join करें

Ekadashi 2025 का महत्व (Significance of Ekadashi 2025)

एकादशी व्रत हर महीने दो बार आता है शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी।
भगवान विष्णु को समर्पित यह दिन आत्मिक शुद्धि और पापों के प्रायश्चित का प्रतीक है।
Ekadashi in Dec 2025 का पालन करने से व्यक्ति के मन, वाणी और कर्म में पवित्रता आती है।
शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति एकादशी का उपवास श्रद्धा से करता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
इसी कारण से Ekadashi 2025 को मोक्ष प्राप्ति और जीवन की सफलता से जोड़कर देखा जाता है।

December 2025 Ekadashi Dates (दिसंबर 2025 की एकादशी तिथियाँ)

हिंदू पंचांग के अनुसार, December 2025 Ekadashi Dates के अंतर्गत दो प्रमुख एकादशियाँ आएंगी
Mokshada Ekadashi 2025 और Saphala Ekadashi। नीचे दी गई तालिका में इनकी पूरी जानकारी दी गई है।

एकादशीतिथिदिनविशेषता
Mokshada Ekadashi1 दिसंबर 2025सोमवारमोक्ष प्राप्ति और पितृ उद्धार का दिन (गीता जयंती)
Saphala Ekadashi15 दिसंबर 2025सोमवारसफलता, सौभाग्य और सिद्धि प्रदान करने वाली एकादशी

दोनों ही व्रत Ekadashi in Dec 2025 को अत्यंत शुभ बनाते हैं क्योंकि यह वर्ष के अंत में आत्मिक शांति और नव आरंभ की भावना से जुड़ा हुआ समय है (Nationwide Lok Adalat traffic violations रिपोर्ट पढ़ें)।

Mokshada Ekadashi 2025: महत्व और कथा (Significance & Story)

Mokshada Ekadashi 2025 को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी कहा गया है।
यह एकादशी गीता जयंती के रूप में भी मनाई जाती है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को भगवद् गीता का उपदेश दिया था।

कथा:
एक बार राजा वैखानस के पिता नरक में यातनाएँ भोग रहे थे। राजा ने इसके लिए ऋषि परमेश्वर से उपाय पूछा।
ऋषि ने कहा कि यदि तुम Mokshada Ekadashi 2025 का व्रत रखो और भगवान विष्णु की पूजा करो, तो तुम्हारे पिता को मोक्ष मिलेगा।
राजा ने श्रद्धापूर्वक यह व्रत किया और उनके पिता स्वर्ग को प्राप्त हुए।
इसलिए इस दिन व्रत रखने से पितरों की आत्मा को मुक्ति मिलती है।

Mokshada Ekadashi की पूजा विधि (Puja Vidhi)

  • प्रातःकाल स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान को स्वच्छ करके भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • दीपक जलाएँ और तुलसी पत्र, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें।
  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करें।
  • दिनभर उपवास रखें और केवल फलाहार करें।
  • सायंकाल आरती करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  • अगले दिन प्रातः सूर्योदय के बाद पारण करें।

Ekadashi in Dec 2025 के इस दिन गीता पाठ और ब्राह्मण भोजन करवाना भी अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है (CBSE Class 10 Date Sheet 2026 PDF डाउनलोड करें)।

Mokshada Ekadashi 2025 मुहूर्त और पारण समय (Muhurat & Parana Time)

तिथिएकादशी आरंभएकादशी समाप्तपारण समय
1 दिसंबर 2025सुबह 04:35 बजेअगले दिन 06:10 बजे2 दिसंबर 2025, 07:00–09:00 बजे

इस दिन सूर्योदय के बाद पारण करना शुभ माना जाता है। पारण से पहले तुलसी पत्र अर्पण और जलदान अवश्य करें।
जो भक्त सही विधि से यह व्रत करते हैं, उन्हें जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है (NASA Interstellar Comet 3I Atlas के बारे में पढ़ें)।

Saphala Ekadashi 2025: तिथि, महत्व और पूजा विधि

दूसरी एकादशी Saphala Ekadashi कहलाती है, जो 15 दिसंबर 2025 (सोमवार) को पड़ेगी।
“सफल” शब्द का अर्थ है “सफलता” या “सिद्धि”।
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

पूजा विधि:

  • ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें।
  • विष्णु भगवान को पीले फूल और तिल अर्पित करें।
  • दीपदान करें और गरीबों को भोजन करवाएँ।
  • रात में जागरण करें और “श्री हरि” का नाम जपें।

Ekadashi in Dec 2025 के अनुसार, इस व्रत से व्यक्ति को सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों ही सफलता प्राप्त होती है (2026 Ford Mustang Motorhome की झलक देखें)।

Ekadashi व्रत के नियम (General Rules for Ekadashi 2025)

  • दशमी के दिन रात में अनाज या दाल का सेवन न करें।
  • एकादशी के दिन चावल न खाएँ, केवल फलाहार करें।
  • व्रत के दौरान क्रोध, निंदा और झूठ से बचें।
  • पारण सूर्योदय के बाद करें और जल दान दें।
  • तुलसी का पूजन और दीपदान अनिवार्य है।

इन नियमों का पालन करने से Ekadashi 2025 का व्रत पूर्ण फलदायी होता है।

Ekadashi in Dec 2025
Ekadashi in Dec 2025

Ekadashi 2025 कैलेंडर (पूरा वर्ष की एकादशियाँ)

माहएकादशीतिथि
जनवरीपौष पुत्रदा, षट्तिला10, 25
फरवरीजया, विजय8, 24
मार्चआमलकी, पापमोचिनी10, 25
अप्रैलकामदा, वरुथिनी9, 24
मईमोहिनी, अपरा9, 23
जूननिर्जला, योगिनी7, 22
जुलाईपद्मा, देवशयनी6, 21
अगस्तकामिका, पुत्रदा5, 20
सितंबरपरमा, इंदिरा4, 19
अक्टूबरपापांकुशा, राम3, 18
नवंबरदेवउठनी, उत्पन्ना2, 17
दिसंबरMokshada, Saphala1, 15

यह तालिका Ekadashi in Dec 2025 के अलावा पूरे वर्ष की सभी एकादशियों की जानकारी देती है।

Mokshada और Saphala Ekadashi के लाभ (Spiritual Benefits)

Ekadashi in Dec 2025 का व्रत करने से व्यक्ति को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं:

  • Mokshada Ekadashi 2025 से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • Saphala Ekadashi से आर्थिक स्थिरता और सफलता प्राप्त होती है।
  • यह व्रत मन, शरीर और आत्मा को पवित्र बनाता है।
  • ध्यान, जप और दान से व्यक्ति की जीवनशैली में संतुलन आता है।

Mokshada Ekadashi के उपाय (Spiritual Remedies)

  • तुलसी पत्र और पीले फूल अर्पित करें।
  • जरूरतमंदों को अन्न या कपड़े दान दें।
  • गीता का पाठ करें और ध्यान लगाएँ।
  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप 108 बार करें।
  • घर में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

Ekadashi in Dec 2025 पर ये उपाय करने से जीवन में सुख-शांति और सौभाग्य प्राप्त होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्नउत्तर
1. Ekadashi in Dec 2025 कब आएगी?1 दिसंबर (Mokshada Ekadashi) और 15 दिसंबर (Saphala Ekadashi)।
2. Mokshada Ekadashi 2025 को क्या करना चाहिए?उपवास, गीता पाठ और विष्णु पूजा करनी चाहिए।
3. December 2025 Ekadashi Dates कितनी हैं?दिसंबर में दो एकादशियाँ पड़ेंगी — Mokshada और Saphala।
4. क्या Ekadashi 2025 का व्रत हर कोई रख सकता है?हाँ, श्रद्धा और क्षमता अनुसार हर कोई रख सकता है।
5. Ekadashi व्रत का पारण कब करें?अगले दिन सूर्योदय के बाद।
6. Mokshada Ekadashi 2025 का मुहूर्त क्या है?1 दिसंबर को, पारण 2 दिसंबर सुबह 7–9 बजे तक।
7. Saphala Ekadashi का क्या महत्व है?यह व्रत सफलता और सौभाग्य प्रदान करता है।
8. Ekadashi 2025 कैलेंडर कहाँ मिलेगा?इस लेख में ऊपर पूरी वर्ष की तालिका दी गई है।

निष्कर्ष

Ekadashi in Dec 2025 का पालन करना आध्यात्मिक उन्नति और आत्मिक शुद्धि का प्रतीक है।
Mokshada Ekadashi 2025 से व्यक्ति को मोक्ष और पितृ उद्धार का आशीर्वाद मिलता है, जबकि Saphala Ekadashi सफलता और शुभ फल प्रदान करती है।
इन दोनों व्रतों का पालन नियमपूर्वक करने से न केवल मन की शांति बल्कि जीवन में समृद्धि और संतुलन भी प्राप्त होता है।
इसलिए, आने वाले Ekadashi in Dec 2025 के शुभ अवसर पर व्रत, दान और ध्यान के माध्यम से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को पवित्र बनाएं।