Gadkari on Toll Plaza : अब हाईवे पर टोल में मिलेगी भारी छूट, जानिए नई टोल नीति की पूरी जानकारी!

Gadkari on Toll Plaza : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में टोल टैक्स में बड़े बदलाव की घोषणा की है। इस नई व्यवस्था से वाहन चालकों को राहत मिलेगी और हाईवे पर यात्रा करना अधिक सस्ता और सुगम हो जाएगा।
सरकार टोल प्रणाली में कई बड़े सुधार करने की योजना बना रही है, जिसमें वार्षिक और 15 साल का पास जारी करना शामिल है। आइए विस्तार से जानते हैं कि इस नई नीति से आपको क्या-क्या लाभ मिलने वाले हैं।
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Gadkari on Toll Plaza :
नई टोल नीति, क्या होगा बदलाव?
नितिन गडकरी ने संकेत दिया है कि सरकार जल्द ही टोल टैक्स की दरों में कटौती करने और भुगतान प्रणाली को सरल बनाने की तैयारी कर रही है। इस नई नीति में निम्नलिखित बदलाव प्रस्तावित हैं:
- वार्षिक और 15 वर्षीय पास की सुविधा
- वाहन मालिकों को एक निश्चित राशि का भुगतान कर टोल से छूट मिलेगी।
- अनुमानित शुल्क:
- वार्षिक पास: ₹3,000 (संभावित)
- 15 साल का पास: ₹30,000 (संभावित)
- यह पास खरीदने के बाद आपको बार-बार टोल टैक्स देने की आवश्यकता नहीं होगी।
- सैटेलाइट आधारित टोल प्रणाली (GNSS)
- सरकार बैरियर-रहित ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोल संग्रह प्रणाली लाने की योजना बना रही है।
- इस तकनीक से टोल बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं होगी, और टोल अपने-आप आपके बैंक खाते से कट जाएगा।
- फास्टैग की जगह नई तकनीक
- वर्तमान में टोल भुगतान के लिए फास्टैग प्रणाली का उपयोग किया जाता है, लेकिन नई सैटेलाइट तकनीक इसे पूरी तरह से बदल देगी।
- इससे टोल संग्रह में पारदर्शिता आएगी और ट्रैफिक जाम की समस्या भी कम होगी।
वर्तमान टोल प्रणाली और होने वाले बदलाव
मौजूदा टोल प्रणाली | नई प्रस्तावित टोल प्रणाली |
---|---|
फास्टैग से टोल कटता है | सैटेलाइट आधारित स्वचालित कटौती होगी |
हर बार टोल भुगतान करना पड़ता है | वार्षिक या 15 साल का पास खरीद सकते हैं |
टोल बूथ पर ट्रैफिक की समस्या | बिना रुके वाहन पास कर सकेंगे |
अलग-अलग दरों से टोल कटता है | एक निश्चित राशि में पूरे वर्ष की छूट |
टोल नीति में बदलाव क्यों जरूरी?
- वाहन चालकों को राहत: नई टोल नीति से वाहन मालिकों को सालभर या 15 वर्षों के लिए टोल मुक्त यात्रा की सुविधा मिलेगी।
- समय की बचत: सैटेलाइट तकनीक से टोल बूथ पर रुकने की आवश्यकता खत्म हो जाएगी, जिससे यात्रा में लगने वाला समय बचेगा।
- पारदर्शिता: नई प्रणाली से टोल संग्रहण में पारदर्शिता बढ़ेगी और अनियमितताओं को रोकने में मदद मिलेगी।
- आर्थिक बचत: वार्षिक या दीर्घकालिक पास लेने से बार-बार टोल देने की तुलना में कम खर्च आएगा।
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सैटेलाइट आधारित टोल कैसे करेगा काम?
- वाहनों में GNSS ट्रैकर लगाया जाएगा, जिससे आपका वाहन हाईवे पर प्रवेश करते ही ट्रैक हो जाएगा।
- हाईवे से बाहर निकलते समय तय की गई दूरी के हिसाब से टोल स्वतः कट जाएगा।
- भुगतान सीधे बैंक खाते या ई-वॉलेट से होगा।
कब लागू होगी नई टोल नीति?
सरकार इस नई प्रणाली को 2025 के अंत तक लागू करने की योजना बना रही है। परीक्षण चरण के बाद इसे देशभर में लागू किया जाएगा।
यदि नई टोल नीति लागू हो गई तो क्या होगा?
- फास्टैग की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी।
- वार्षिक और 15 साल के पास से बार-बार भुगतान की झंझट नहीं होगी।
- टोल बूथ पर समय की बचत होगी।
- सरकार को टोल से अधिक राजस्व प्राप्त होगा और अनियमितताओं में कमी आएगी।
निष्कर्ष
नितिन गडकरी द्वारा घोषित यह नई टोल नीति वाहन चालकों के लिए एक बड़ा तोहफा है। इससे न केवल आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि हाईवे पर यात्रा करना भी सुगम हो जाएगा। यदि सरकार इस नई प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू कर देती है, तो आने वाले समय में टोल बूथ पर लगने वाली लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी और देश में डिजिटल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा।
इस नई टोल प्रणाली पर आपकी क्या राय है? कमेंट में बताएं!
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