​खुशखबरी! झारखंड में 1985 से पहले से सरकारी जमीन पर बस गये हैं, तो जमीन आपकी

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सरकार ने तय किया है कि वर्ष 1985 से पूर्व सरकारी जमीन पर बसे लोगों की बंदोबस्ती कर दी जायेगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में 2 एकड़ से कम भूमि के मालिक को भी भूमिहीन माना गया है. उन्हें खेती के लिए 5 एकड़ और आवास के लिए 12.5 डिसमिल जमीन दी जायेगी।

वहीं, शहरी क्षेत्रों में 5 डिसमिल जमीन दिये जाने की योजना है. वैसे जो जहां रह रहे हैं, उन्हें वहीं पर सेटल कर दिया जायेगा।

सरकार द्वारा कराये गये सर्वे के मुताबिक, सरकारी जमीन पर लगभग 2 लाख 41 हजार परिवार बसे हैं. सरकार के अनुसार, इनमें से लगभग 70 प्रतिशत लोग गरीब हैं।

सरकारी जमीन पर वर्षों से लोग घर बनाकर रह रहे हैं. लोगों ने अपनी क्षमता के हिसाब से घर बनाया है. लोगों ने उसी ठिकाने पर अपना आधार कार्ड बनवाया है।

लोग होल्डिंग टैक्स भी भर रहे हैं. इसलिए उन्हें बेघर करने की बजाय बंदोबस्ती उनके नाम कर दी जाये।

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