अगर आप झारखंड के शहरी इलाक़े में रहते हैं तो सरकार लेने जा रही ये बड़ा फैसला

राज्य के नगर विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय ने प्रदेश के शहरी क्षेत्र में किए गए गए अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित करने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने इस हेतु “अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमितीकरण करने के लिये योजना -2022” का प्रारूप तैयार कर लिया है जिसपर मुख्यमंत्री ने भी अपनी सहमति दे दी है।

बता दें कि इस आदेश के बाद झारखंड में 31 दिसंबर 2019 के पहले बनाए गए ऐसे सभी भवन नियमित कर दिए जाएंगे। योजना के तहत 31 दिसम्बर, 2019 के पूर्व से निर्मित आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों का नियमितीकरण हो सकेगा। इस योजना को और अधिक प्रभावी और सरल बनाने के लिए लोगों से अगले एक महीने तक सुझाव और फीडबैक भी मांगे जायेंगे।

जानें क्या है नियम और कानून ?

भवन की ऊंचाई 15 मीटर तक हो सकती है लेकिन संरचना केवल ग्राउंड + 3 मंजिला (जी+3) का होना चाहिए। तथा 500 वर्गमीटर तक प्लॉट क्षेत्र (प्लिंथ क्षेत्र 100% तक) और 500 वर्गमीटर से अधिक का प्लाट क्षेत्र, जिसका प्लिंथ क्षेत्र 75% या 500 वर्गमीटर, जो भी कम हो, होना चाहिए।

भवनों के लिए नियमितीकरण शुल्क इस प्रकार होगा

आवासीय और गैर आवासीय भवनों के लिए अलग-अलग शुल्क का निर्धारण किया गया है। नगर पंचायत स्थित आवासीय भवन के लिए 50 रूपये प्रति वर्गमीटर एवं गैर-आवासीय के लिए 75 रूपये प्रति वर्गमीटर, म्युनिसिपल काउंसिल(नगर पालिका परिषद) स्थित आवासीय भवन के लिए 75 रूपये प्रति वर्गमीटर एवं गैर-आवासीय भवन के लिए 100 रूपये प्रति वर्गमीटर तथा नगर निगम/विकास प्राधिकरण/IADA/NAC/नगर पालिका क्षेत्र स्थित आवासीय भवन के लिए 100 रूपये प्रति वर्गमीटर एवं गैर-आवासीय के लिए 150 रूपये प्रति वर्गमीटर की राशि देय होगी।

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