रंग लाई Tripathi की ‘युवा अधिकार यात्रा’ सरकार ने वापस लिया फैसला

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राज्य के 11 गैर-अनुसूचित जिलों में जिला स्तर के वर्ग 3rd व 4th ग्रेड की नौकरियों में अगले 10 वर्षों तक राज्य के स्थानीय निवासियों के लिए सीटें सुरक्षित करने के सरकार के निर्णय बाद राज्य के युवाओं में खुशी की लहर है।

 

गैर-अनुसूचित जिलों के स्थानीय युवाओं को खुशी है कि अब उनके जिले की नौकरियों में 10 साल तक उनके लिए सीटें सुरक्षित रहेंगी।

वे इसका श्रेय इस लड़ाई में उनका साथ देने वाले नेताओं खास तौर पर के.एन त्रिपाठी को दे रहे हैं।
जिन्होंने इसकी माँग को लेकर जनवरी के कड़ाके की ठंढ में ‘युवा अधिकार यात्रा’ का नेतृत्व किया था जिसके परिणामस्वरूप सरकार को अपने पुराने फैसले वापस लेने पड़े।

 

विदित हो कि युवाओं की इस लड़ाई में राज्य के पूर्व मंत्री और झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.एन त्रिपाठीने ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था उस फैसले के विरोध में नगर उंटारी से देवघर तक रैली भी किया था। इन जिलों के लोग त्रिपाठी को विशेष तौर पर धन्यवाद दे रहे हैं।

इस फैसले के बाद Jharpost से बात करते हुए त्रिपाठी ने कहा “ये हमारी जीत नहीं बल्कि उन युवाओं की जीत है जिनका भविष्य सरकार ने गलत नीति बनाकर अंधेरे में डाल दिया था, झारखंड में उनके लिए कोई नौकरी रह नहीं गई थी इन सबको देखते हुए हमने ‘युवा आधिकार रैली ‘का फैसला किया था…

हालांकि वे इस फैसले से ज्यादा खुश नहीं है उनका कहना है कि सरकार ने इसे आंशिक रूप से ही मंजूरी दी है और समिति की 5 सिफारिशों में से केवल एक सिफारिश को ही माना है।

“झारखंड की द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में भी स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए नहीं तो रघुवर सरकार ‘युवा अधिकार यात्रा’ पार्ट-2 के लिए तैयार रहे, आगे बोलते हुए त्रिपाठी ने कहा”।

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