Jharkhand News :54 परिवारों पर 45 लाख रुपये का जुर्माना, जानिए क्यों मचा हड़कंप!

Jharkhand News : झारखंड सरकार ने आदिवासी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब CNT-SPT एक्ट के तहत आने वाली जमीन पर भी बैंक लोन प्राप्त करना आसान होगा। हेमंत सोरेन सरकार ‘बिरसा किसान इंटीग्रेटेड पोर्टल’ को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रही है, जिससे किसानों और अन्य लाभार्थियों को बैंक से कर्ज लेने में कोई परेशानी न हो।

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Jharkhand News : अब नहीं होगी लोन स्वीकृति में देरी
अब तक CNT-SPT एक्ट की वजह से आदिवासी भूमि पर लोन लेने में काफी मुश्किलें आती थीं। बैंकों को इस तरह की जमीन पर लोन मंजूर करने के लिए कई सरकारी विभागों से मंजूरी लेनी पड़ती थी, जिससे प्रक्रिया लंबी और जटिल हो जाती थी। लेकिन अब राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
बैंक अधिकारी जान सकेंगे जमीन की पूरी जानकारी
नई व्यवस्था के तहत बिरसा किसान इंटीग्रेटेड पोर्टल को बैंकों से जोड़ा जाएगा। इससे बैंक अधिकारी सिर्फ एक क्लिक में जमीन की पूरी जानकारी और उसका नेचर देख सकेंगे। इससे लोन की स्वीकृति की प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी हो जाएगी।
पोर्टल में होगा 36.84 लाख लाभार्थियों का डेटा
कृषि विभाग के अनुसार, इस पोर्टल में लगभग 36.84 लाख लाभार्थियों की जानकारी होगी, जिसे जल्द ही बैंकों को उपलब्ध कराया जाएगा। इससे बैंक अधिकारी सीधे पोर्टल पर लॉगिन कर जमीन की स्थिति की जांच कर पाएंगे। खासकर एसटी-एससी वर्ग के लोग भी अब बड़े लोन आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।
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महिला स्वयं सहायता समूहों को भी मिलेगा लाभ
राज्य में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 90,000 से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को लोन देने की सुविधा भी प्रदान की है। इनमें से तीन लाख महिलाएं कृषि और अन्य गतिविधियों में आर्थिक सहायता प्राप्त कर अपने परिवार का सहयोग कर रही हैं।
बैंकों को मिलेगा विशेष लॉगिन आईडी-पासवर्ड
इस नई पहल के तहत कृषि विभाग एक मास्टर लॉगिन सिस्टम तैयार कर एसएलबीसी (SLBC) को देगा। इसके बाद एसएलबीसी सभी बैंकों को विशेष लॉगिन आईडी और पासवर्ड प्रदान करेगा। इससे बैंक शाखाएं अपने स्तर पर किसानों की भूमि और खाते की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगी।
35 लाख किसानों का डेटा जल्द होगा अपलोड
सरकार की योजना के अनुसार, भविष्य में 35 लाख से अधिक किसानों का भूमि रिकॉर्ड और बैंक विवरण पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इससे बैंकों को किसानों को लोन देने में कोई दिक्कत नहीं होगी और किसान भी बिना किसी देरी के वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकेंगे।
निष्कर्ष:
हेमंत सोरेन सरकार की यह पहल झारखंड के आदिवासी और पिछड़े वर्गों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल बैंक लोन की प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि कृषि विकास और महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
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