Jharkhand News : झारखंड को जल्द मिलेंगे 1.36 लाख करोड़! केंद्र सरकार ने दी हरी झंडी – जानिए पूरा मामला

Jharkhand News : झारखंड सरकार के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने झारखंड को 1.36 लाख करोड़ रुपये की लंबित राशि जारी करने पर सहमति जताई है। इस विषय में राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी से मुलाकात की। बैठक में झारखंड की वित्तीय स्थिति पर चर्चा की गई और केंद्र से लंबित राशि की जल्द अदायगी की मांग की गई। इस संदर्भ में वित्त मंत्री ने केंद्र को एक ज्ञापन सौंपा।
बैठक के बाद, केंद्रीय कोयला मंत्री ने मंत्रालय की अपर सचिव स्मिता प्रधान को निर्देश दिया कि वे कोयला मंत्रालय और झारखंड सरकार के खान विभाग के अधिकारियों की एक समिति गठित करें। यह समिति बकाया राशि की सटीक गणना करेगी और वास्तविक आंकड़ों के आधार पर केंद्र सरकार राज्य को भुगतान करेगी।

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Jharkhand News : केंद्र सरकार से झारखंड को मिलेगा वित्तीय सहयोग
बैठक के दौरान वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने झारखंड की आर्थिक वृद्धि और आंतरिक संसाधनों के विकास की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, लेकिन केंद्र से वित्तीय सहायता प्राप्त हुए बिना व्यापक विकास संभव नहीं है। उन्होंने केंद्र से 1.36 लाख करोड़ रुपये की बकाया राशि शीघ्र जारी करने की अपील की ताकि राज्य की सामाजिक और आर्थिक योजनाओं को गति मिल सके।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की चेतावनी का असर
गौरतलब है कि तीन दिन पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो राज्य में कोयला खदानों का संचालन बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि झारखंड से देशभर में बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति होती है, और अगर खनन बंद हुआ तो इससे पूरे देश में बिजली संकट उत्पन्न हो सकता है। मुख्यमंत्री की इस सख्त चेतावनी के बाद केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया और झारखंड के वित्त मंत्री को बैठक के लिए आमंत्रित किया। बैठक के बाद, कोयला मंत्री ने झारखंड को जल्द भुगतान का आश्वासन दिया।
झारखंड सरकार की केंद्र से वित्तीय सहायता की मांग
बैठक में झारखंड के वित्त मंत्री ने कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी को सौंपे गए ज्ञापन में राज्य की आर्थिक चुनौतियों और विकास से जुड़ी आवश्यकताओं पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि झारखंड में लगातार सूखे के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। इसे पुनर्जीवित करने के लिए महिला सशक्तिकरण, कृषि, पशुपालन और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में केंद्र सरकार की सहायता अनिवार्य है।
कोयला कंपनियों पर भारी बकाया भुगतान
झारखंड सरकार के अनुसार, राज्य की अर्थव्यवस्था का 80% राजस्व कोयला खदानों से आता है। लेकिन कोयला कंपनियों पर भूमि अधिग्रहण, धुले कोयले की रॉयल्टी और पर्यावरण मंजूरी शुल्क के रूप में भारी बकाया भुगतान है।
राज्य सरकार को कोयला कंपनियों से बकाया राशि:
✅ धुले कोयले की रॉयल्टी – ₹2,900 करोड़
✅ पर्यावरण मंजूरी शुल्क – ₹32,000 करोड़
✅ भूमि अधिग्रहण बकाया – ₹1.01 लाख करोड़
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इस तरह, कुल ₹1.36 लाख करोड़ की राशि झारखंड सरकार को प्राप्त होनी है। यदि केंद्र सरकार यह राशि जारी करती है, तो राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी।
केंद्र सरकार ने गठित की समिति, जल्द होगा भुगतान
बैठक के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने झारखंड सरकार के बकाया भुगतान को लेकर सहमति जताई। इसके तहत कोयला मंत्रालय और झारखंड सरकार के खान विभाग की एक समिति बनाई जाएगी, जो वास्तविक गणना के आधार पर बकाया राशि तय करेगी। समिति की रिपोर्ट के बाद, केंद्र सरकार झारखंड सरकार को शीघ्र वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इससे राज्य सरकार को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में मदद मिलेगी।
झारखंड में विकास को मिलेगी रफ्तार
राज्य सरकार को उम्मीद है कि ₹1.36 लाख करोड़ की राशि मिलने से झारखंड में बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्रों में बड़े बदलाव आएंगे। यह वित्तीय सहायता ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करेगी। सरकार का मानना है कि इस फंड से झारखंड को देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल करने की दिशा में मजबूत कदम उठाया जा सकता है।
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