Jharkhand News : डमी स्कूल में एडमिशन लिया तो 12वीं बोर्ड एग्जाम से बाहर! CBSE ने जारी किया बड़ा अलर्ट

Jharkhand News : अगर आप या आपके बच्चे 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। CBSE बोर्ड ने स्पष्ट शब्दों में सख्त चेतावनी जारी की है — जो छात्र डमी स्कूल में एडमिशन लेंगे, उन्हें 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।

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Jharkhand News : क्या है मामला?
CBSE ने पाया है कि कई छात्र सिर्फ बोर्ड एग्जाम में शामिल होने के लिए ऐसे डमी स्कूलों में एडमिशन ले रहे हैं, जहाँ न तो नियमित क्लास होती है और न ही पढ़ाई। अब बोर्ड ने इस पर सख्त कार्रवाई का फैसला किया है। अगर कोई छात्र जांच में डमी स्कूल का हिस्सा पाया जाता है, तो वह बोर्ड परीक्षा देने के हक से वंचित रहेगा।
छात्र और अभिभावक होंगे जिम्मेदार
CBSE अधिकारियों ने साफ कहा है — अगर कोई छात्र डमी स्कूल में दाखिला लेता है, तो उसकी जिम्मेदारी खुद छात्र और उसके माता-पिता की होगी। ऐसे छात्रों के लिए बोर्ड एग्जाम का रास्ता बंद कर दिया जाएगा और उन्हें फिर NIOS (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग) से परीक्षा देनी होगी।
बोर्ड ने दी कड़ी चेतावनी
बोर्ड के अनुसार, जो छात्र अपनी नियमित कक्षाओं में शामिल नहीं होंगे, उनका बोर्ड एग्जाम में बैठने का सपना अधूरा रह जाएगा। CBSE ने कहा है कि यदि किसी स्कूल में औचक निरीक्षण के दौरान कोई छात्र अनुपस्थित पाया जाता है या स्कूल की उपस्थिति रिकॉर्ड में गड़बड़ी मिलती है, तो ऐसे छात्र परीक्षा के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे।
75% उपस्थिति अनिवार्य
CBSE ने नियम साफ कर दिया है — हर छात्र के लिए कम से कम 75% उपस्थिति अनिवार्य है। अगर उपस्थिति इससे कम होगी, तो बिना किसी ठोस कारण के छात्र परीक्षा से वंचित रह सकते हैं।
हालांकि, मेडिकल इमरजेंसी, नेशनल या इंटरनेशनल स्पोर्ट्स इवेंट्स या अन्य गंभीर परिस्थितियों में बोर्ड 25% तक उपस्थिति में छूट दे सकता है।
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सत्र 2025-26 से नियम सख्ती से लागू
CBSE ने साफ कर दिया है कि यह नया नियम 2025-26 सत्र से सख्ती से लागू किया जाएगा। साथ ही, जो स्कूल डमी एडमिशन देकर छात्रों को बढ़ावा देंगे, उनके खिलाफ भी मान्यता रद्द करने जैसी कार्रवाई की जा सकती है।
संक्षेप में – अब डमी स्कूलों का खेल खत्म!
अगर बोर्ड एग्जाम में बैठना है तो नियमित कक्षाएं, 75% उपस्थिति और असली स्कूल में पढ़ाई जरूरी है।
वरना NIOS के रास्ते से ही परीक्षा की तैयारी करनी पड़ेगी।
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