Jharkhand News Live: गौतम अडाणी ने झारखंड के CM हेमंत सोरेन से की मुलाकात, झारखंड में अडाणी ग्रुप के चल रहे ये प्रोजेक्टस

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Jharkhand News Live: अडाणी ग्रुप के चेयरमैन और देश के दूसरे सबसे बड़े औद्योगिक घराने के प्रमुख गौतम अडाणी ने आज शाम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची में भेंट की

गौतम अडाणी विशेष विमान से रांची पहुंचे और करीब शाम साढ़े सात बजे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में राज्य में औद्योगिक विकास, पूंजी निवेश और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई

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Jharkhand News Live: गोड्डा पावर प्लांट पर भी हो रही समीक्षा

Jharkhand News Live: हाल ही में गोड्डा में स्थापित अडाणी पावर प्लांट को लेकर सवाल उठे थे। इस संदर्भ में, राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है। यह समिति अडाणी ग्रुप के साथ हुए समझौतों की शर्तों की समीक्षा करेगी और आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेगी।

गौतम अडाणी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की यह मुलाकात झारखंड में औद्योगिक निवेश और बुनियादी ढांचे के विस्तार की संभावनाओं को लेकर महत्वपूर्ण मानी जा रही है

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  1. गोड्डा थर्मल पावर प्लांट:
    • क्षमता: 1,600 मेगावाट (2 x 800 मेगावाट यूनिट्स)।
    • स्थान: गोड्डा जिला, झारखंड।
    • उद्देश्य: यह प्लांट मुख्य रूप से बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति के लिए बनाया गया है। 2017 में बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) के साथ 25 साल के पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) के तहत 1,496 मेगावाट बिजली की आपूर्ति का करार हुआ था।
    • वर्तमान स्थिति: इस प्रोजेक्ट की पहली यूनिट (800 मेगावाट) अप्रैल 2023 में शुरू हुई, और दूसरी यूनिट जून 2023 में चालू हो गई। यह भारत का पहला ऐसा स्टैंडअलोन पावर प्रोजेक्ट है जिसे स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) का दर्जा मिला है, जिससे इसे कर छूट और तेज मंजूरी जैसे लाभ मिले।
    • विवाद: इस प्रोजेक्ट को लेकर स्थानीय स्तर पर काफी विरोध हुआ है। किसानों और आदिवासी समुदायों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन किए, यह दावा करते हुए कि उनकी सहमति नहीं ली गई और प्रक्रिया में अनियमितताएँ थीं। झारखंड हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका भी दायर की गई थी, जो अभी विचाराधीन है।
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  1. गोड्डा थर्मल पावर प्लांट: गोड्डा जिले में स्थित 1,600 मेगावाट क्षमता वाला यह अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट है। इसकी दोनों इकाइयाँ अब पूरी तरह से संचालित हो चुकी हैं, और यहाँ से उत्पादित बिजली का निर्यात बांग्लादेश को किया जा रहा है। यह परियोजना लगभग 16,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की गई है।
  2. सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट: अंबुजा सीमेंट्स, जो अब अडाणी समूह का हिस्सा है, ने गोड्डा जिले में 4 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) की क्षमता वाली सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट स्थापित करने की योजना बनाई है। इस परियोजना में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इससे 2,500 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।
  3. गोंदलपारा कोयला खदान: अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने झारखंड में गोंदलपारा कोयला खदान का अधिग्रहण किया है, जिसमें अनुमानित 176.3 मिलियन टन कोयला भंडार है। इस खदान से वार्षिक लगभग 520.92 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न होने की संभावना है।

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Jharkhand News Live: अन्य संभावित प्रोजेक्ट्स:

  • कोल माइनिंग: अडाणी समूह ने झारखंड में कोयला खनन से संबंधित गतिविधियों में भी रुचि दिखाई है। उदाहरण के लिए, 2015 में कोल माइंस की नीलामी में अडाणी ग्रुप ने गोड्डा जिले के पास जितपुर कोल माइन हासिल की थी। हालाँकि, यह कोयला मूल रूप से गुजरात के मुंद्रा थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए था, लेकिन गोड्डा प्लांट के लिए कोयले का स्रोत आयातित (मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया के कारमाइकल माइन से) बताया गया है।
  • फर्टिलाइज़र प्लांट: 2016 में अडाणी समूह ने झारखंड सरकार के साथ 50,000 करोड़ रुपये के निवेश का एक MoU साइन किया था, जिसमें 15,000 करोड़ रुपये का थर्मल पावर प्लांट और 35,000 करोड़ रुपये का एक मिथेन-आधारित फर्टिलाइज़र प्लांट शामिल था। हालाँकि, फर्टिलाइज़र प्लांट के बारे में हाल के वर्षों में कोई ठोस अपडेट सामने नहीं आया है, जिससे लगता है कि यह प्रोजेक्ट अभी सक्रिय नहीं है या योजना में बदलाव हुआ हो सकता है।

Jharkhand News Live: अडाणी समूह झारखंड में विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्यरत है। पहले उल्लिखित परियोजनाओं के अलावा, समूह ने राज्य में अन्य निवेश योजनाएँ भी प्रस्तावित की हैं:

  1. ऊर्जा उत्पादन और वितरण: अडाणी समूह ने झारखंड में 4,000 मेगावाट क्षमता वाले पावर प्लांट की स्थापना का प्रस्ताव दिया था, जिसमें से कम से कम 1,000 मेगावाट बिजली झारखंड को उपलब्ध कराने की योजना थी। इसके लिए बोकारो, धनबाद और आसपास के क्षेत्रों में लगभग 4,000 एकड़ भूमि की आवश्यकता बताई गई थी।
  2. यूरिया और मेथनॉल उत्पादन: समूह ने 1.3 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाले यूरिया प्लांट और 3.3 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाले मेथनॉल प्लांट की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा था।

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Jharkhand News Live: वर्तमान स्थिति और संख्या:

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