Jharkhand School News : झारखंड के प्राइवेट स्कूलों पर संकट! हेमंत सरकार को मिली बड़ी शिकायत

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Jharkhand School News : झारखंड में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग तेज हो गई है। झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखकर फीस वृद्धि, शिक्षा न्यायाधिकरण के गठन और सरकारी नियमों के सख्त पालन की मांग की है।

Jharkhand School News : फीस वृद्धि पर नहीं हो रहा नियंत्रण

झारखंड सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, कोई भी निजी स्कूल बिना अनुमोदन 10% से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकता। इसके लिए फीस निर्धारण समिति का गठन किया गया था, लेकिन अब तक केवल रांची और बोकारो में ही यह समिति बनी है, जबकि बाकी 22 जिलों में इसे लागू ही नहीं किया गया। इस प्रशासनिक ढिलाई का फायदा उठाकर निजी स्कूल धड़ल्ले से फीस बढ़ा रहे हैं।

कई स्कूल तो 10% की सीमा को पार कर 20% तक फीस बढ़ा रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग चार्ज जोड़े जा रहे हैं, जैसे:

✔ एनुअल चार्ज
✔ बिल्डिंग चार्ज
✔ मिसलिनियस चार्ज
✔ कंप्यूटर चार्ज
✔ गेम्स चार्ज
✔ सिक्योरिटी चार्ज
✔ सीसीटीवी चार्ज
✔ स्कूल चार्ज
✔ एसएमएस चार्ज
✔ मेडिकल चार्ज
✔ आउटरिच चार्ज
✔ डेवलपमेंट चार्ज

बस किराए में भी हो रही मनमानी

इसके अलावा, कई स्कूल 10 महीने की बस सेवा के लिए 12 महीने का किराया वसूल रहे हैं, जबकि सरकारी नियमों के अनुसार छुट्टियों के दौरान बस का किराया नहीं लिया जा सकता। झारखंड में 100 से अधिक स्कूल ऐसे हैं, जहां यह अनियमितता देखी गई है

पेरेंट्स एसोसिएशन की बड़ी मांगें

  1. झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को सभी स्कूलों में पूरी तरह लागू किया जाए।
  2. नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए, जिससे स्कूल हर साल बैलेंस शीट सरकार को सौंपें।
  3. फीस के कारण किसी भी छात्र को क्लास से वंचित न किया जाए
  4. री-एडमिशन चार्ज, डेवलपमेंट चार्ज और एनुअल फीस लेने पर रोक लगाई जाए।
  5. सीबीएसई, आईसीएसई और राज्य बोर्ड की गाइडलाइंस स्कूलों की वेबसाइट पर अपलोड कराई जाएं।

किताबों और जुर्माने में भी लूट!

पेरेंट्स का कहना है कि स्कूलों ने किताबों और स्टेशनरी पर भी अपना एकाधिकार जमा रखा है

  • स्कूल तय करते हैं कि किताबें कहां से खरीदनी हैं, जिससे कई गुना महंगे दामों पर किताबें बेची जा रही हैं।
  • एनसीईआरटी की जगह प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबें जबरदस्ती बेची जाती हैं, जो महंगी होती हैं।
  • देरी से स्कूल पहुंचने या छुट्टी लेने पर भारी जुर्माना लगाया जाता है।

सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग

पेरेंट्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस मनमानी पर सख्त कदम उठाने की मांग की है। अगर जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो अभिभावक विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे। अब देखना यह है कि सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेती है।

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