बिल्डर के खाते में मध्याह्न भोजन का 100 करोड़ ट्रांसफर, बाबूलाल ने कहा CBI जांच हो, पढ़ें…क्या है पूरा मामला?
भारतीय स्टेट बैंक के रांची स्थित धुर्वा शाखा में राज्य सरकार की ओर से मध्याह्न भोजन के लिए जमा करायी गयी राशि में से 100 करोड़ रुपये बिल्डर ‘संजय तिवारी’ के खाते में ट्रांसफर करने के मामले में जहां बैंक और शिक्षा विभाग के अधिकारीयों पर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं विपक्ष को भी एक बड़ा मुद्दा मिल गया है।
इसी क्रम में झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलालम रांडी ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस पूरे घटनाक्रम को सुनियोजित ढंग से अंजाम देने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि बैंक के साथ-साथ राज्य सरकार के पदाधिकारीयों के भी इसमें मिले होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। मरांडी ने इस मामले से जुड़े शिक्षा विभाग के अधिकारियों को तत्काल पद से बर्रखास्त करने और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। साथ ही राज्य सरकार से आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग भी की है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुये मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मध्याह्न भोजन के एवज में करीब 100 करोड़ रुपये की राशि बिल्डर संजय तिवार के खाते में अचानक ट्रांसफर हो जाना कई तरह के सवाल खड़े करता है। यदि इसमें बिल्डर की कोई भूमिका नहीं थी, तो इतनी बड़ी राशि अचानक खाते में आने पर उसे बैंक को सूचना देनी चाहिए थी, और इसको लेकर बैंक अधिकारियों की ओर से जो दावा किया जा रहा है, वो भी किसी के गले नहीं उतर नहीं रहा।
उन्होनें आगे बोलते हुय कहा कि यदि इस मामले में बिल्डर की नियत साफ होती, तो वह तुरंत बैंक को सूचित करता, लेकिन बिल्डर ने बैंक अधिकारियों को सूचना देने के बजाय खाते से 50 करोड़ रुपये निकाल लिये और दूसरे खातों में जमा करा दिया।
गौरतलब है कि पिछले 5 सितंबर को एसबीआई धुर्वा शाखा की ओर से सरकारी मध्याह्न भोजन की जमा राशि में से 100 करोड़ 1 लाख रुपये बिल्डर संजय तिवारी के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था। जानकारि के मुताबिक़ उसके पहले खाते में करीब 50 करोड़ और दूसरे खाते में 20 करोड़ रुपये मिले हैं, जिसे सीज कर दिया गया है। जबकि बिल्डर घटना के बाद से ही फरार बताया जा रहा है।
आपको बता दें कि मामला सामने आने के बाद बैंक ने अपनी तरफ से मध्याह्न भोजन के खाते में 100 करोड़ रुपये की राशि जमा कर दिये हैं। मामले को गंभारता से लेते हुये बैंक नें अपने 2 अधिकारियों अनिल उरांव और कमलजीत खन्ना को तत्काल निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही इसकी जांच को लेकर सीबीआई को एक पत्र भी लिखा है।