Lumpy virus :- झारखंड के दो जिलो में मिले लम्पी वायरस के संदिग्ध , पशुपालको में मचा हड़कम्प
राजस्थान के बाद आज झारखंड के रांची के नगड़ी और देवघर के इस वायरस (Lumpy Virus) का असर देखने को मिल रहा है| जिसके कारण पशुपालको में थोड़ा डर का माहौल है |पशुपालन निदेश शशि प्रकाश झा ने बताया कि, मवेशियों का सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भोपाल भेजा जाएगा. इससे बचाव को लेकर एडवाइजरी भी जारी की गई है. मामले को लेकर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने भी निर्देश जारी किया है. सभी पशु चिकित्सकों को वैक्सीन की खरीदारी के लिए विभाग की तरफ से आदेश दिए गए है.
आखिर क्या है लम्पी वायरस ?
कैपरी पॉक्स वायरस को लंपी वायरस के तौर पर जाना जाता है. इसे ढेलेदार त्वचा रोग वायरस भी कहते हैं. इस वायरस की शुरुआत पॉक्सविरिडाए डबल स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस परिवार से होती है. पॉक्सविरिडाए को पॉक्स वायरस भी कहते हैं. इसके प्राकृतिक मेजबान रीढ़ और बिना रीढ़ वाले जंतु होते हैं. इस परिवार में वर्तमान में 83 प्रजातियां हैं जो 22 पीढ़ी और 2 उप-परिवारों में विभाजित हैं. इस परिवार से जुड़ी बीमारियों में स्मॉलपॉक्स यानी चेचक भी शामिल है.
संक्रामक बीमारी है लम्पी
लम्पी एक विषाणुजनित संक्रामक बीमारी है, जो मुख्यतः गोवंश को संक्रमित करता है। यह रोग मुख्य रूप से संक्रमित मक्खियों, मच्छरों एवं चमोकन के काटने से होता है। बीमार पशु के नाक, मुख के स्राव एवं घावों से, बीमार दुधारू गाय, भैंस के थन में घाव हो जाने के कारण दूध पीने वाले बाछा- बाछियों में यह बीमारी फैल जाती है। गर्भवती गाय, भैंस यदि इस रोग से संक्रमित हो गए हैं, तो जन्म लेने वाले उनके बच्चों में भी यह बीमारी जन्म से आ जाती है। संक्रमित सांढ़, भैंसा से गर्भधारण कराने पर अथवा संक्रमित सीमेन द्वारा एआई कराने पर भी यह रोग फैलता है।
टोल फ्री नंबर जारी
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि एक ट्रोल फ्री नंबर (18003097711) भी जारी किया गया है. जिस पर सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कॉल कर इसके संबंध में जानकारी दी जा सकती है. पशुपालन निदेशक के साथ डॉक्टरों की बैठक भी बुलाई गई है. बैठक में रणनीति बनाई जाएगी कि इस वायरस रोकथाम के लिए किस तरह के उपाय किए जाएं.