NCP को छोड़ किसी पार्टी ने नहीं स्वीकारी ‘EVM-Hacking’ की चुनौती

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चुनाव आयोग की ओर से पेश की गई ईवीएम की चुनौती के लिए फिलहाल एनसीपी के अलावे और किसी भी दल ने हामी नहीं भरी है।

कांग्रेस ने भी आज चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर मौजूदा शर्तों के दायरे में चुनौती स्वीकार करने से मना कर दिया है।

पार्टी की ओर से आज चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी गई है जिसमें कहा गया कि ईवीएम मशीनों के सुरक्षा तंत्र को परखने के लिए आयोग की ओर से लगाई गईं कड़ी शर्तें ठीक नहीं है और इस पर आयोग को पुनर्विचार करना चाहिए। पार्टी ने कहा है कि ईवीएम के मदरबोर्ड में छेड़छाड़ की इजाजत मिलनी चाहिए जबकि अभी सिर्फ कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट जांचने की ही इजाजत है।

फिलहाल  ईवीएम की चुनौती को सिर्फ एनसीपी ने ही स्वीकार किया है। ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी’ ने अपनी राज्य सभा सांसद वंदना चव्हाण को इसके लिए भेजने का फैसला किया है। वंदना चव्हाण चुनाव आयोग के ‘हैकाथान’ में तीन जून को शामिल होंगी, उनके साथ दो तकनीकी जानकार भी होंगे।

दरअसल चुनाव आयोग ने ईवीएम पर उठे सवालों के बाद तमाम राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी और 3 जून का दिन ‘ईवीएम हैकाथॉन’ के लिए तय किया गया था।

26 मई यानी शुक्रवार को ही इसे स्वीकार करने का आखिरी दिन था। लेकिन NCP को छोड़ बाकी किसी पार्टी नें इसे चुनौती को सामना करने की हिम्मत नहीं दिखाई।

दरअसल हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के चुनाव में कुछ राजनितिक दलों को अाशातित सफलता नहीं मिलनें से राजनितिक दलों ने चुनाव आयोग पर इवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। बीएसपी व आम आदमी पार्टी नें इस मुद्दे को जोर-शोर से उछाला था। लेकिन  चुनाव आयोग की ओर से जब इवीएम हैक करने की एक तिथि मुकर्कर की गई और इसके लिए पार्टियों को रजिस्ट्रेशन करने को कहा गया तो NCP को छोड़ किसी ने हिम्मत नहीं दिखाई

बहरहाल चुनाव आयोग की तरफ से 3 जून का दिन ‘ईवीएम हैकाथॉन’ के लिए रखा गया है। जिसमें ये देखना दिलचस्प होगा कि ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी’ की ओर से नामांकित सांसद वंदना चव्हाण और उनके साथ जाने वाले दो तकनीकी जानकार हैकिंग के संदर्भ में क्या पक्ष रखते हैं।

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