Nivedita Menon JNU: कौन हैं जेएनयू की निवेदिता मेनन जिनकी विदाई वीडियो हुई वायरल
Nivedita Menon JNU
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें जेएनयू के छात्र अपनी अध्यापिका Nivedita Menon JNU को “लाल सलाम” देते हुए विदाई देते नजर आ रहे हैं।
लोगों के मन में सवाल है “Nivedita Menon Kaun Hai”
उत्तर यह है कि Nivedita Menon JNU की राजनीति शास्त्र विभाग की प्रसिद्ध प्रोफेसर और फेमिनिस्ट विचारक हैं, जिन्होंने 17 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति (Nivedita Menon Retired) ली है।
उनकी विदाई केवल एक अध्यापक की नहीं, बल्कि विचारों के एक दौर की विदाई मानी जा रही है।
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वायरल वीडियो में क्या है? (Farewell Video Explained)
लाल सलाम से गूंजा कैंपस
Nivedita Menon JNU के विदाई समारोह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कई राजनीतिक बहसें शुरू हो गईं।
वीडियो में छात्र “कॉमरेड दीदी को लाल सलाम” के नारे लगाते दिखे।
यह दृश्य जेएनयू के School of International Studies में रिकॉर्ड हुआ था।
H3: सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
- ट्विटर पर #NiveditaMenon और #JNUFarewell ट्रेंड करता रहा।
- कई छात्रों ने इसे “एक विचारशील शिक्षक को विदाई” बताया।
- वहीं कुछ लोगों ने कहा कि शिक्षा संस्थानों में इस तरह के राजनीतिक नारों को लेकर सावधानी बरती जानी चाहिए।
Nivedita Menon Kaun Hai (जीवन परिचय)
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
Nivedita Menon का जन्म पुणे में हुआ था।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की और आगे चलकर जेएनयू से उच्च शिक्षा प्राप्त की।
उनकी रुचि समाजशास्त्र, नारीवाद और राजनीति में रही।
JNU से जुड़ाव
लगभग 17 वर्षों तक Nivedita Menon JNU में राजनीति शास्त्र की प्रोफेसर रहीं।
उनका मुख्य फोकस था Comparative Politics और Political Theory।
उन्होंने छात्रों को यह सिखाया कि विचारों में विविधता ही लोकतंत्र की असली ताकत है।
Nivedita Menon Retired जेएनयू से विदाई और सम्मान
विदाई समारोह का माहौल
उनकी सेवानिवृत्ति (Nivedita Menon Retired) के अवसर पर छात्रों ने उन्हें “कॉमरेड दीदी” के नारे लगाकर सम्मानित किया।
इस दौरान सोशल मीडिया पर उनके साथ ली गई तस्वीरें वायरल हो गईं।
वैसे ही, जैसे हाल ही में West Bengal Police Constable Exam 2025 से जुड़ी ख़बरें युवाओं के बीच चर्चा में रहीं, उसी तरह Nivedita Menon JNU की विदाई ने अकादमिक हलकों में बहस छेड़ दी।
अकादमिक योगदान
Nivedita Menon JNU की शिक्षण शैली आलोचनात्मक सोच और बहस को बढ़ावा देने वाली रही।
वे अपने छात्रों को असहमति को भी तर्क से प्रस्तुत करने की प्रेरणा देती थीं।
Nivedita Menon Books लेखन और विचार
Nivedita Menon Books ने उन्हें विश्व स्तर पर एक अलग पहचान दी।
| पुस्तक का नाम | वर्ष | विषय |
|---|---|---|
| Seeing Like a Feminist | 2012 | नारीवाद और समाज की व्याख्या |
| Recovering Subversion: Feminist Politics Beyond the Law | 2004 | नारीवादी राजनीति का गहन विश्लेषण |
| Gender and Politics in India | 1999 | भारतीय राजनीति में जेंडर पर विमर्श |
उनकी किताबें कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल हैं।
जैसे-जैसे सरकारी नीतियों पर चर्चाएँ बढ़ीं, वैसे-वैसे 8th Pay Commission Government Employees जैसी ख़बरें और Nivedita Menon JNU जैसे शिक्षकों के विचार, समाजिक-राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बने।
विवाद और आलोचना (Controversies)
कश्मीर पर बयान
2016 में Nivedita Menon JNU के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कश्मीर पर दिए गए उनके बयान से बड़ा विवाद हुआ।
उन्होंने कहा था कि “भारत का कश्मीर पर दृष्टिकोण पुनर्विचार योग्य है इस बयान ने मीडिया और राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया।
H3: विचारधारा और आलोचना
वे वामपंथी और प्रगतिशील विचारधारा से जुड़ी रही हैं।
कुछ मीडिया संस्थानों ने उन्हें “लेफ्ट-लिबरल थ्योरिस्ट” कहा, जबकि अन्य ने उनकी बौद्धिक ईमानदारी की सराहना की।
यह वैसा ही विमर्श था जैसा हाल ही में हुए Jharkhand News Today Hemant Soren BJP Meeting Update पर देखने को मिला — विचारों की टकराहट लेकिन संवाद की निरंतरता।
Nivedita Menon JNU विचार और दृष्टिकोण
Nivedita Menon JNU का मानना था कि विचारों की विविधता और असहमति लोकतंत्र की आत्मा है।
उन्होंने छात्रों को यह सिखाया कि “ज्ञान केवल सहमति से नहीं, असहमति से भी बढ़ता है।”
उनके विचार फेमिनिज्म, समानता और समाजिक संरचनाओं को पुनर्परिभाषित करने पर आधारित थे।
उन्होंने हमेशा तर्क और शोध को प्राथमिकता दी चाहे विषय संवेदनशील ही क्यों न हो।
तकनीक और सोशल मीडिया का प्रभाव
आज जब शिक्षा और संचार पूरी तरह डिजिटल माध्यमों पर निर्भर हैं, तो Nivedita Menon JNU जैसी आवाज़ें यह दिखाती हैं कि डिजिटल माध्यम विचारों को कैसे फैलाते हैं।
हाल ही में बढ़ते साइबर खतरों जैसे Cyber Attack on Airport की घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स न केवल शिक्षा बल्कि सुरक्षा के क्षेत्र में भी नई चुनौतियाँ पेश कर रहे हैं।
Nivedita Menon का मानना था कि इंटरनेट का उपयोग संवाद के लिए होना चाहिए, दुष्प्रचार के लिए नहीं।
Nivedita Menon JNU अकादमिक विरासत
17 वर्षों तक अध्यापन करने के बाद Nivedita Menon JNU ने एक गहरी बौद्धिक छाप छोड़ी है।
उनके कई छात्र अब देश-विदेश के प्रमुख संस्थानों में प्रोफेसर और रिसर्चर हैं।
वे हमेशा मानती थीं कि शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी नहीं, बल्कि समाज में सोच पैदा करना है।
वे शिक्षा से जुड़ी योजनाओं की समर्थक भी रहीं जैसे झारखंड की प्रसिद्ध eKalyan Scholarship Last Date 2025 Jharkhand योजना जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को मदद करती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Nivedita Menon JNU का नाम भारतीय अकादमिक इतिहास में लंबे समय तक याद किया जाएगा।
उनकी विदाई एक नए युग की शुरुआत है जहाँ विचारों की स्वतंत्रता को फिर से समझने की ज़रूरत है।
भले ही Nivedita Menon Retired हो गई हैं, लेकिन उनकी किताबें और उनके विचार छात्रों के बीच जिंदा रहेंगे।
विचारों को रोकना असंभव है यही संदेश Nivedita Menon JNU ने अपनी विदाई के समय दिया।”
सामान्य प्रश्न
Q1. Nivedita Menon Kaun Hai?
वे जेएनयू की राजनीति शास्त्र की प्रोफेसर, लेखिका और फेमिनिस्ट विचारक हैं।
Q2. Nivedita Menon Retired कब हुईं?
वे नवंबर 2025 में 17 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुईं।
Q3. Nivedita Menon JNU में कौन-से विषय पढ़ाती थीं?
वे Political Theory और Feminist Politics पढ़ाती थीं।
Q4. Nivedita Menon Books कौन-सी प्रसिद्ध हैं?
Seeing Like a Feminist, Recovering Subversion, और Gender and Politics in India।
Q5. क्या वे विवादों में रहीं?
हाँ, उनके विचारों को लेकर कई बार राजनीतिक विवाद हुए।
Q6. क्या वे अन्य कॉलेजों में भी पढ़ा चुकी हैं?
हाँ, उन्होंने लेडी श्रीराम कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय में भी अध्यापन किया।
Q7. क्या उनकी विचारधारा वामपंथी है?
वे प्रगतिशील और समानता पर आधारित सोच रखती हैं।
Q8. क्या वे आज भी समाज में प्रभावशाली हैं?
हाँ, उनके विचार और किताबें अब भी शैक्षणिक विमर्श का हिस्सा हैं।
Nivedita Menon JNU का अकादमिक सफर
| वर्ष | संस्थान | भूमिका |
|---|---|---|
| 1990–2001 | लेडी श्रीराम कॉलेज | प्राध्यापक |
| 2001–2008 | दिल्ली विश्वविद्यालय | वरिष्ठ अध्यापक |
| 2008–2025 | जेएनयू (School of International Studies) | प्रोफेसर |
| 2025 | — | Nivedita Menon Retired |