पतरातू को मिलेगा अपना बिजली संयंत्र…चट्टी-बरियातु व केरेडारी कोल ब्लॉक भी हो सकते हैं शुरु
अपने आवास पर राज्य और एनटीपीसी के अधिकारियों के साथ उर्जा की समिक्षा बैठक करते हुये मुख्यमंत्री नें पतरातू में झारखंड सरकार और एनटीपीसी द्वारा संयुक्त रुप से लगाये जानेवाले बिजली संयंत्र का जल्द ही शिलान्यास करने के सकेंत दिये हैं।
झारखण्ड बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बने इसलिए पतरातू बिजली संयंत्र का शिलान्यास जल्द होगा,हम दूसरे राज्यों को बिजली देने में सक्षम होंगे pic.twitter.com/hrfJHbUqEY
— Raghubar Das (@dasraghubar) September 23, 2017
2019 तक राज्य के सभी घरों तक बिजली पहुंचाने की दिशा में झारखंड सरकार का ये बड़ा कदम माना जा रहा है…
सरकार की मानें तो इसके शुरु होने के बाद झारखंड बिजली के मामले में न केवल आत्मनिर्भर, बल्कि दूसरे राज्यों को भी बिजली देने में सक्षम हो जायेगा। लेकिन फिलहाल एक सच्चाई ये भी है कि राज्य के कई जिले भरपुर बिजली न मिलनें से मायूस हैं और कई प्रखंडों में स्थिति बेहद दयनीय है।
बैठक के दौरान ऊर्जा विभाग के सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि पहले फेज में 2400 मेगावाट क्षमतावाले इस संयंत्र में 800-800 मेगावाट की तीन इकायाँ लगेंगी। इस पर कुल 18000 करोड़ रुपये का खर्चा आयेगा।
इस संयंत्र में राज्य सरकार की 26% और NTPC की हिस्सेदारी 74% होगी। इसके लिए राज्य सरकार और एनटीपीसी के बीच संयुक्त उपक्रम पीवीयूएनएल का गठन किया गया है।
इसके अलावे नार्थ कर्णपूरा में 660 मेगावाट की तीन इकायों को शुरु करने पर भी चर्चा हुई। साथ ही साथ चट्टी-बरियातु तथा केरेडारी कोल ब्लॉक भी शुरु करने पर गंभीरता से विचार किया गया।
बैठक में नार्थ कर्णपूरा में 660 मेगावाट की तीन इकाईयों पर भी चर्चा हुई। चट्टी-बरियातु तथा केरेंडारी कोल ब्लॉक भी शुरू करने की स्थिति में है। pic.twitter.com/LR3ZfDs2pr
— Raghubar Das (@dasraghubar) September 23, 2017
बैठक में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, एनटीपीसी के चेयरमैन गुरदीप सिंह, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव इंदूशेखर चतुर्वेदी, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, JBVNL(झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड़) के प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।