Pipeline Scam Jharkhand : ‘पाइपलाइन घोटाले’ में अबतक क्या-क्या हुआ ? अधिकारियों ने कैसे उडाये 20 करोड़ ?
Pipeline Scam Jharkhand : झारखंड में चारा घोटाले के बाद अब एक बड़ा पाइपलाइन घोटाला सामने आया है। यह घोटाला पेयजल स्वच्छता शीर्ष कार्य प्रमंडल (PHED) विभाग में हुआ है। जानकारी के अनुसार विभागीय कर्मचारी ने फर्जी कंपनी के माध्यम से अपने सगे संबंधियों के खाते खोल 20 करोड़ रुपए का गबन किया है। इस मामले में रांची पुलिस की टीम ने कैशियर संतोष कुमार को उसके ससुराल सुखदेवनगर से बुधवार गिरफ्तार भी किया है।
Pipeline Scam Jharkhand : गिरफ्तार आरोपी के पास मिले 51 लाख नगद
Pipeline Scam Jharkhand : Ranchi Police ने PHED विभाग के एक कर्मी को गिरफ्तार कर आगे की कार्यवाई कर रही है। आरोपी का नाम संतोष कुमार है और वह पेयजल विभाग में कैशियर है। पुलिस ने उसे सुखदेवनगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। मामले का खुलासा करते हुए SSP चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि लंबित कांडों की समीक्षा के बाद सभी थानेदारों को निष्पादन का निर्देश दिया गया था।
Pipeline Scam Jharkhand : पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने क्या कहा?
“इस मामले (Pipeline Scam Jharkhand) में विभाग ने एक जांच कमेटी बनाई है। जांच चल रही है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद ही पूरी जानकारी सामने आएगी।” – मिथिलेश ठाकुर, मंत्री पेयजल स्वच्छता विभाग, झारखंड
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Pipeline Scam Jharkhand : इसी आधार सिटी SP राज कुमार मेहता के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी। संतोष रांची के सुखदेवनगर इलाके में गिरफ्तार किया गया था, जहां से उसे 51 लाख रुपए नगद मिले। उसने अपनी ससुराल और घर में गबन की राशि छुपाकर रखी थी। मामले में कई अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है, जिसकी जांच जारी है।
Pipeline Scam Jharkhand 2012 में L&T कंपनी को मिला था ठेका
Pipeline Scam Jharkhand : बताते चलें कि वर्ष 2012 में पेयजल विभाग झारखंड सरकार (Drinking Water Department Jharkhand ) ने Ranchi में पाइपलाइन बिछाने का काम L&T कंपनी को दिया था। इस परियोजना का बजट 200 करोड़ था, लेकिन अचानक इसे बंद कर दिया गया। इसके बाद कर्मचारी ने इस मौके का फायदा उठाने की योजना बनाई।
इन विभागीय अधिकारियों ने 02 निजी कंपनियां बनाईं और अपने संबंधित लोगों के 15 से अधिक बैंक खाते खोले। इसके बाद L&T कंपनी द्वारा किए गए काम के बदले दुबारा नकली बिल बनाए और संबंधित लोगों के फर्जी हस्ताक्षर से रांची ट्रेजरी से लगभग 20 करोड़ रुपए निकाल कर इन खातों में डाल लिए।
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Pipeline Scam Jharkhand : साल 2013 से निकाल रहे थे पैसे
पहले साल 2019 में 1.32 करोड़, 2022 में 6 करोड़ और जून 2023 में 14 करोड़ रुपए ट्रेजरी से निकाले गए। ये पैसे SBI, Axis Bank, ICICI Bank, HDFC Bank और Bank of India में 15 से अधिक खातों में जमा किए गए। यह खेल लगातार चल रहा था। Pipeline Scam Jharkhand का मामला प्रकाश में आने के बाद पता चला कि गबन का यह खेल 4 साल तक चला रहा था और प्रशासन इसे ध्यान में नहीं ले रहा था। बाद में, जब नए कार्यपालक अभियंता पद पर आए तो मामले का खुलासा हुआ। मामला सामने आने के बाद FIR दर्ज हुआ।
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