PM Kisan Yojana Cyber Crime : योजना के नाम पर बड़ा साइबर फ्रॉड, 12 ठग गिरफ्तार – जानिए कैसे बचें ठगी से!

PM Kisan Yojana Cyber Crime : देवघर, झारखंड से एक बड़ा साइबर क्राइम मामला सामने आया है, जहां 12 साइबर ठगों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर भोले-भाले किसानों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये ठग फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर किसानों को कॉल करते थे और उनसे बैंक अकाउंट, आधार और ओटीपी जैसी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर लेते थे।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि ये साइबर अपराधी कैसे ठगी करते थे, पुलिस ने उन्हें कैसे पकड़ा, और इस तरह की ठगी से बचने के लिए आपको किन सावधानियों का पालन करना चाहिए।
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PM Kisan Yojana Cyber Crime : क्या है पूरा मामला?
देवघर जिले के सारवां थाना क्षेत्र के दुलीरायडीह गांव के पास जंगल में झारखंड साइबर पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर 12 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। इन अपराधियों में 11 वयस्क और 1 नाबालिग शामिल हैं।
पुलिस ने इन सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया और उन पर साइबर धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़े कानूनी प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
2. साइबर ठग कैसे करते थे ठगी?
ये साइबर अपराधी बेहद शातिर तरीके से किसानों को ठगते थे। इनकी ठगी करने की प्रक्रिया कुछ इस तरह थी:
फर्जी सरकारी अधिकारी बनना – ये ठग खुद को कृषि विभाग या पीएम किसान योजना के अधिकारी बताकर किसानों को कॉल करते थे।
योजना का लाभ दिलाने का झांसा – किसानों को बताया जाता था कि सरकार उनके अकाउंट में ₹2,000 से ₹6,000 तक भेज रही है, लेकिन इसके लिए कुछ “डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन” करना होगा।
बैंक अकाउंट और ओटीपी लेना – कॉल के जरिए ये ठग किसानों से आधार नंबर, बैंक अकाउंट डिटेल, और ओटीपी मांगते थे।
बैंक से पैसे निकाल लेना – जैसे ही किसान ओटीपी शेयर कर देते, ये ठग उनके बैंक अकाउंट से पैसे उड़ा लेते।
बार-बार मोबाइल नंबर और सिम कार्ड बदलना – पुलिस की नजरों से बचने के लिए ये ठग अलग-अलग सिम कार्ड और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते थे।
3. पुलिस ने कैसे पकड़ा ठगों को?
झारखंड साइबर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर देवघर के जंगल में छापेमारी की और इस गिरोह को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने जब्त किए:
- 23 मोबाइल फोन
- 17 सिम कार्ड
- कई बैंक पासबुक और एटीएम कार्ड
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इन अपराधियों ने अब तक कितने लोगों को ठगा है और उनका पैसा कहां ट्रांसफर किया गया है।
4. साइबर ठगी से कैसे बचें?
आज के डिजिटल दौर में साइबर ठगों से सावधान रहना बेहद जरूरी है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग और बुजुर्ग इन ठगों के आसान शिकार बनते हैं।
किन चीजों से सावधान रहें?
कोई भी सरकारी अधिकारी फोन पर बैंक डिटेल या ओटीपी नहीं मांगता।
अजनबी कॉल्स पर आधार नंबर, बैंक डिटेल, या एटीएम पिन न बताएं।
अगर कोई जल्दी फैसला लेने का दबाव डाल रहा है, तो सतर्क रहें।
फर्जी वेबसाइट्स और लिंक पर क्लिक न करें, केवल ऑफिशियल वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in) पर ही जाएं।
कोई भी योजना का लाभ लेने के लिए आपको कभी पैसे जमा करने की जरूरत नहीं पड़ती।
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क्या करें अगर आपको ठगने की कोशिश हो?
साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत शिकायत करें।
https://cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज करें।
अपने बैंक को तुरंत सूचित करें और अकाउंट ब्लॉक करवाएं।
पुलिस थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराएं।
5. सरकार की कोशिशें और साइबर सुरक्षा उपाय
भारत सरकार और झारखंड पुलिस साइबर ठगी को रोकने के लिए कई कदम उठा रही है, जिनमें शामिल हैं:
हर जिले में साइबर क्राइम सेल की स्थापना
लोगों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान
साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई
6. ठगी का शिकार हो जाएं तो क्या करें?
अगर आपको लगता है कि आपने गलती से किसी ठग को *बैंक डिटेल या ओटीपी बता दिया है, तो *तुरंत ये कदम उठाएं:
साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) पर कॉल करें।
https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
अपने बैंक को तुरंत सूचित करें और लेन-देन रोकने को कहें।
पुलिस थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराएं।
7. निष्कर्ष
देवघर में साइबर ठगों की गिरफ्तारी दिखाती है कि साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन सतर्कता से इन्हें रोका जा सकता है। ठग न सिर्फ किसानों को बल्कि कई अन्य लोगों को भी सरकारी योजनाओं के नाम पर धोखा देने की कोशिश करते हैं।
इसलिए, सतर्क रहें, जागरूक बनें और अपने आसपास के लोगों को भी इस तरह की ठगी से बचने की जानकारी दें।
क्या आपको भी कभी किसी फर्जी कॉल से ठगने की कोशिश की गई है? कमेंट में अपना अनुभव शेयर करें और दूसरों को सतर्क करें!
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