President Of India : रामनाथ कोविंद से लेकर दौपद्री मुर्मू का अपमान कर रहे ‘नकली OBC’ PM मोदी: कांग्रेस
President Of India : कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पूर्व सांसद डॉ. उदित राज ने सोमवार कहा कि भाजपा दलितों और आदिवासियों को आज भी गुलाम समझती है।
कल जब President Of India माननीया राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी लाल कृष्ण आडवाणी को उनके निवास पर भारत रत्न से सम्मानित कर रही थी तो प्रधानमंत्री मोदी राजा की तरह कुर्सी पर बैठे रहे।
क्या अब के पहले कभी ऐसा अपमान किसी प्रधानमंत्री ने President Of India का किया किया? पूर्व में भी प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी के साथ ऐसा ही किया। रामनाथ कोविंद जी को नज़रअंदाज़ ही नहीं किया बल्कि उनका अभिवादन भी स्वीकार नहीं किया। यह कोई संयोग नहीं है बल्कि RSS और भाजपा की ऐसी सोच है…कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज ने आरोप लगया।
नई संसद भवन के शिलान्यास के अवसर पर भी रामनाथ कोविंद जी को नहीं आमंत्रित किया। संसद भवन के निर्माण कार्य पूरा होने पर जब उदघाटन हुआ तो उसमे भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( President Of India) को आमंत्रित नहीं किया। मूर्मू जी को उस समय और अपमानित किया जब नई संसद में अपने सहयोगी और मित्रों के साथ प्रवेश कर रही थी। फ़िल्म इंडस्ट्री के कलाकार तक इस अवसर पर आमंत्रित थे तो क्या उनसे भी कम क़द राष्ट्रपति का है? डॉ. उदित राज ने सवाल खड़े किए।
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President Of India : दलितों व आदिवासियों को गुलामी के दौर में ले जाना चाहती है भाजपा
पुरी के मंदिर में तत्कालीन President Of India श्री रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी तथा वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रवेश करने से रोका गया। डॉ. उदित राज ने आगे कहा कि संघ और भाजपा दलितों व आदिवासियों को गुलामी के दौर में ले जाना चाहते हैं। संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर का पुतला 12 अगस्त 1949 को जलाया था।
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President Of India : क़रीब 52 साल तक इन्होंने तिरंगे को नहीं स्वीकार किया। जबसे भाजपा सरकार केंद्र में आयी है, निजीकरण के माध्यम से आरक्षण ख़त्म किया है और संविधान को अंदर से खोखला कर दिया है, सिर्फ़ जिल्द बाक़ी है।
President Of India : 400 पार का नारा देने का मक़सद है संविधान बदलना।
President Of India : कांग्रेस सरकार के द्वारा दलितों के उत्थान के लिए चल रही तमाम योजनाओं को बंद कर दिया है। संघ और भाजपा के निशाने पर मुख्य रूप से आरक्षण, संविधान, सरकारी विभाग, शिक्षण संस्थान हैं और 400 पार का नारा देने का मक़सद है संविधान बदलना।
भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने संदेश दे ही दिया है कि 400 पार का लक्ष्य इसलिए है कि संविधान को बदलना है। अब दलित और ओबीसी इनकी मंशा को समझ चुके हैं और आगामी लोक सभा में 400 पार नहीं बल्कि इनकी 400 सीटों पर हार होगी आगे उदित राज ने कहा।