Unit Linked Insurance Policy : ULIP पर नया टैक्स नियम! अब नहीं मिलेगी पूरी छूट, जानें अपडेट

Unit Linked Insurance Policy : बजट 2025 में यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (ULIP) की मैच्योरिटी राशि और रिडेम्प्शन पर टैक्सेशन को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। अब *यदि ULIP का वार्षिक प्रीमियम ₹2.5 लाख से अधिक है, तो वह आयकर अधिनियम की धारा 10(10D) के तहत टैक्स छूट के लिए योग्य नहीं होगी। ऐसे मामलों में, ULIP को इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड की तरह टैक्स नियमों के तहत रखा जाएगा, और इससे होने वाले लाभ पर कैपिटल गेन्स टैक्स लगाया जाएगा। ये नए प्रावधान 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।

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Unit Linked Insurance Policy : धारा 10(10D) की शर्तें पूरी नहीं करने पर टैक्स देना अनिवार्य
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार, यदि कोई बीमा पॉलिसी धारा 10(10D) की आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं करती, तो उस पर मिलने वाले रिटर्न को दो प्रकार से टैक्स के दायरे में रखा जाएगा:
- ULIP के मामले में – इसे कैपिटल गेन्स टैक्स के तहत शामिल किया जाएगा।
- अन्य बीमा पॉलिसियों के मामले में – इसे अन्य स्रोतों से आय (Income from Other Sources) के रूप में टैक्स के लिए योग्य माना जाएगा।
कैपिटल गेन्स टैक्स का प्रभाव
कैपिटल गेन्स टैक्स को लेकर बजट 2024 में विभिन्न असेट क्लास के लिए टैक्स स्ट्रक्चर को समान किया गया।
इक्विटी और इक्विटी म्यूचुअल फंड यूनिट्स की बिक्री पर:
- यदि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) ₹1.25 लाख से अधिक होता है, तो 12.5% टैक्स देना होगा।
- यदि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) (12 महीने से कम की होल्डिंग अवधि) होता है, तो 20% टैक्स लागू होगा।
ULIP को अब इक्विटी-ओरिएंटेड फंड्स की श्रेणी में रखे जाने के कारण, इन नीतियों पर भी इसी तरह का टैक्स लागू किया जाएगा।
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क्या है धारा 10(10D)?
आयकर अधिनियम की धारा 10(10D) के अनुसार, जीवन बीमा पॉलिसी के तहत मिलने वाली राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है, जिसमें मैच्योरिटी अमाउंट और बोनस शामिल हैं। साथ ही, यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी को मिलने वाला क्लेम अमाउंट भी कर-मुक्त (Tax-Free) होता है।
हालांकि, इस छूट के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी जरूरी हैं:
- अगर बीमा पॉलिसी का वार्षिक प्रीमियम बीमित राशि के 10% से अधिक है, तो धारा 10(10D) के तहत छूट नहीं मिलेगी।
- यदि ULIP का सालाना प्रीमियम ₹2.5 लाख से अधिक है, तो उसे इक्विटी म्यूचुअल फंड की तरह टैक्सेबल माना जाएगा।
निष्कर्ष
सरकार ने ULIP के टैक्स नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए इसे इक्विटी म्यूचुअल फंड के समान टैक्स कैटेगरी में डाल दिया है। अब यदि पॉलिसी का वार्षिक प्रीमियम ₹2.5 लाख से अधिक है, तो उस पर कैपिटल गेन्स टैक्स लगाया जाएगा। वहीं, जिन ULIP पॉलिसियों का प्रीमियम इससे कम होगा, वे अब भी धारा 10(10D) के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकेंगी।
यदि आप ULIP में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इन नए टैक्स नियमों को ध्यान में रखकर ही निर्णय लें।
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