राजबाला वर्मा लड़ेंगी चुनाव, पलामू या कांके से आजमाएंगी भाग्य!
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राज्य की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा अपने पति जे.बी.तुबिद के नक्शे-कदम पर चलकर राजनीती में भाग्य आजमा सकती है…ऐसी चर्चा है की वर्मा पलामू लोकसभा या कांके विधानसभा से चुनाव लड़ सकती हैं।
Ybnnews की खबर के मुताबिक़ वे 28 फ़रवरी 2018 को सेवानिवृत हो रही हैं और सेवानिवृति के बाद अपने राजनैतिक कैरिअर की शुरुआत कर सकती हैं।
वर्मा पलामू का लगातार दौरा कर रही है और पलामू संसदीय क्षेत्र में आयोजित सरकारी कार्यकर्मों में अनिवार्य रूप से मौजूद हो रही हैं ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे वे इस क्षेत्र का दौरा चुनाव को ध्यान में रख कर कर रही है।
पार्टी सुत्रों की मानें तो बीजेपी 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अपने कई सांसदों और विधायको के टिकट काटने वाली है। इसमें पलामू के सांसद बी .डी राम का नाम भी शामिल है। बी.डी पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के करीबियों में से एक हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री रघुवर दास अर्जुन मुंडा की तरह ही पार्टी के अंदर अपनी पकड़ मजबूत करने में लगे हुये हैं। और शायद यही कारण है कि उन्हें पलामू से आम चुनाव लड़ाने के लिए तैयार कर रहे हैं।
आपको बता दें कि वर्मां राजनेताओ के काफी करीब रही हैं। उन्हें कुशल प्रशासक के तौर पर भी जाना जाता है। वे कभी राजद प्रमुख लालू प्रसाद की चहेती अधिकारिओं में से एक थीं। रघुवर सरकार में मुख्य सचिव वर्मा बेहद ही प्रभावी भूमिका में है।
हाल के दिनों में अमित शाह के दौरे के वक्त वर्मा बेहद सक्रिय दिखी थीं। लेकिन जब विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन को इसकी भनक लगी तो शायद यही कारण है कि उन्होनें हाल के दिनों में वर्मा के विरुद्ध कई आरोप लगाये हैं जिसे लोग राजनीतिक रूप में भी देख रहे हैं।
सुत्रों की मानें तो वर्मा बीजेपी के दिल्ली दरबार में भी काफी सक्रिय दिख रही हैं। और वर्मा के राजनायिक सम्बन्ध बीजेपी के आला नेताओ से काफी बेहतर हैं… उनकी छवि भी काफी अच्छी है जिसका लाभ उन्हें चुनावी राजनीति में मिल सकता है।
ऐसी अटकलें हैं कि वे जल्द ही केंद्र सरकार की टीम में शामिल होकर 2019 की रणनीतिकारों का हिस्सा बन सकती हैं। और उनके लिए पार्टी नेताओ नें प्लान बी भी तैयार रखा है। अगर वर्मा पलामू की राजनीती में फिट होती नही दिखीं तो पार्टी उन्हें कांके सीट से विधानसभा का चुनाव में उतार सकती है।
लेकिन सूत्रों के मुताबिक़ वे पलामू सीट से ही लड़ना चाह रही हैं। गौरतलब है की वे रघुवर सरकार में पलामू इलाके में विकास कार्यों में अधिक रुची ले रही हैं और अधिक से अधिक योजनाओ को पलामू इलाके में आवंटित करवा रही है। हलांकि उनकी तरफ से इस संबंध में अभीतक कोई अाधिकारिक बयान नहीं आया है।