अब Congress Party का कर्ज उतारने का समय आ गया है: सोनिया गांधी
भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए उदयपुर में congres party के नव संकल्प congress chintan shivir से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने साफ कहा है कि पार्टी का कर्ज उतारने का समय आ गया है। ऐसे में हम सबको निस्वार्थ भाव और अनुशासन के साथ काम करना होगा, क्योंकि पार्टी को नए सिरे से मजबूत करने के लिए कोई हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है।
सोनिया ने उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर में पेश की जाने वाली विभिन्न विषयों पर कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह शिविर सिर्फ रस्म अदायगी भर नहीं होना चाहिए। इसमें पार्टी का पुनगर्ठन नजर आना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि चिंतन शिविर के बाद पुर्नगठित संगठन की शुरुआत करनी चाहिए।
सोनिया गांधी ने कहा कि हम सबको अनुशासन, सामूहिक उद्देश्य की भावना और दृढ संकल्प के साथ काम करना होगा। पार्टी ने हमेशा हम सबका का भला किया है। अब समय आ गया है कि पार्टी का कर्ज उतारा जाए। हमें पार्टी मंच पर आत्म आलोचना की जरूरत है। पर यह आलोचना आत्मविश्वास और हौसले तोड़ने के लिए नहीं होनी चाहिए।
भविष्य की चुनौतियों और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस रणनीति में बदलाव की तैयारी कर रही है। पार्टी संगठन में नए लोगों को ज्यादा हिस्सेदारी देने और विधानसभा-लोकसभा चुनाव में ओबीसी, एससी/एसटी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को ज्यादा टिकट देने पर विचार कर रही है। उदयपुर में होने वाले नवसंकल्प चिंतन शिविर में पार्टी इन सभी विषयों पर चर्चा कर अंतिम रूप देगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई Congress Working Committee (CWC) की बैठक में संगठन को मजबूत बनाने पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, संगठन के बारे में कार्ययोजना का खाका तैयार करने वाली समिति ने पदाधिकारियों के लिए कूलिंग पीरियड का सुझाव रखा है। मसलन, कोई व्यक्ति 5 साल संगठन में पद पर रहता है तो फिर तीन साल तक बिना किसी पद के कार्यकर्ता के तौर पर काम करना चाहिए। इससे ज्यादा से ज्यादा नए लोगों को काम करने का मौका मिलेगा।
कार्यकारिणी की बैठक में विचार-विमर्श के दौरान पार्टी के एक नेता ने कहा कि सामाजिक शक्तिकरण की कार्ययोजना तैयार करने वाली समिति ने विधानसभा और लोकसभा के टिकट बंटवारे में ओबीसी को 50% हिस्सेदारी देने का सुझाव दिया है। इसके साथ युवा और रोजगार की कार्ययोजना में युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ने, देश की अर्थव्यवस्था पर भी बैठक में चर्चा हुई।
Congress Meeting में यह सुझाव भी आया कि चुनाव के लिए पार्टी के अंदर अलग से विभाग होना चाहिए। वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक दिल्ली की बजाय अलग-अलग शहरों में होनी चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों से जुड़ सकें। बैठक में नेताओं की एक राय यह भी थी कि हमें लोगों के विषयों को ज्यादा जोरदार तरीके से उठाना चाहिए। अभी उनके मुद्दे उतने जोरदार ढंग से नहीं उठाए जा रहे हैं।