चतरा रेप मामला: घटना के बाद क्या है गांव में हालात?
दुष्कर्म के बाद लड़की को जला कर मार डालने की घटना के बाद से चतरा के इटखोरी स्थित राजाकेंदुआ गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।
मुख्य अभियुक्त घन्नू भुइंया के खिलाफ ‘पोक्सो एक्ट’ के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। शेष आरोपियों पर हत्या, मारपीट करने समेत कई अन्य धाराएं लगायी गयी हैं ये वे लोग हैं जिन्होंने पंचायत में हिस्सा लिया था और अपनी भूमिका निभाई थी।
पुलिस ने घन्नू भुइंया, मुखिया तिलेश्वरी देवी सहित कुल 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।
थाने में शरण लिये हैं कई लोग, कुछ फ़रार: गांव के अधिकतर घरों में ताले लटका है। कई लोग गांव छोड़ कर भाग गये हैं। अनहोनी की आशंका को देखते हुए भुइंया समुदाय की महिलाओं और बच्चों को पुलिस ने थाने में शरण दिया है। पुलिस इस बात को लेकर सतर्क है कि बदले की भावना को लेकर गांव में दूसरी घटना न हो। कई पुलिस अधिकारी व जिला बल के जवान कैंप किये हुए हैं।
राजनीतिक व सामाजिक संगठनों का गांव दौरा: घटना के बाद से लगातार राजनीतिक व सामाजिक संगठन के लोग के पीड़ित परिवार से मुलाकात कर रहे हैं इसी क्रम में राज्य की महिला आयोग अध्यक्ष व झारखंड महिला कांग्रेस प्रमुख आभा सिन्हा ने पीड़ित की मां से मुलाकात की।
उहापोह में स्थानीय पुलिस: मामले के प्रकाश में आने के बाद से ही स्थानीय पुलिस सकते में है…पुलिस के जवान दबी जुबान में कह रहे हैं कि ‘स्थानीय पुलिस’ को पंचायत बैठने देने का मलाल है।
पीड़िता की मां चिंता देवी ने घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया। “घन्नू भुइंया और नाबालिग के बीच पिछले छह माह से दोस्ती थी। इस बीच नाबालिग तीन मई को अपने रिश्तेदार के घर विवाह समारोह में गयी थी। इस बीच घन्नू भुइंया वहां पहुंचा और उसे जबरन बाइक पर बैठा कर जंगल की ओर ले गया। एक घंटे बाद उसे छोड़ दिया। बाद में पंचायत ने घन्नू पर 50 हजार रुपये दंड लगा कर समझौता करने का प्रयास किया। लेकिन बात नहीं बनी, इस घटना ने अलग रूप ले लिया और नाबालिग की हत्या कर दी गयी”।